All for Joomla All for Webmasters
धर्म

भगवान शिव को क्यों प्रिय है बेल पत्र? जानें शास्त्रों में क्या है इसे चढ़ाने का नियम

शास्त्रों में भगवान शिव को बेल पत्र चढ़ाने के कुछ नियम बताए गए हैं. शिवजी को बेल पत्र हमेशा चिकनी सतह की तरफ से अर्पित करना चाहिए. अगर आप सही तरीके से पूजा करेंगे तो भगवान शिव की कृपा आप पर बनी रहेगी.

Lord Shiv Puja: हिंदू धर्म में भगवान शिव दया और करुणा के देव भी कहलाते हैं. महादेव का स्वभाव भोला है, इसलिए उनको भोलेनाथ भी कहते हैं. जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से भगवान शिव की उपासना करता है, उसका कल्याण अवश्य होता है. पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि यूं तो महादेव केवल सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं, परंतु शिवजी को  प्रिय वस्तुओं का भोग लगाकर विशेष फल प्राप्त किया जा सकता है. भगवान शंकर को बेल पत्र बेहद ही   प्रिय है. इसलिए बेल पत्र चढ़ाने से शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर इच्छा को पूरा करते हैं. 

बेल पत्र का महत्व
शिवपुराण के अनुसार, समुद्र मंथन से निकले विष के कारण संसार पर संकट मंडराने लगा था. तब भगवान शिव ने सृष्टि की रक्षा के लिए उस विष को गले में धारण कर लिया. इससे शिव के शरीर का तापमान बढ़ने लगा और पूरी सृष्टि आग की तरह तपने लगी. इस कारण धरती के सभी प्राणियों का जीवन कठिन हो गया. सृष्टि के हित में विष के असर को खत्म करने के लिए देवताओं ने शिव जी को बेल पत्र खिलाए. बेल पत्र खाने से विष का प्रभाव कम हो गया, तब से ही शिव जी को बेल पत्र चढ़ाने की प्रथा बन गई.

शिव को ऐसे चढ़ाएं बेल पत्र
धार्मिक ग्रंथों में सभी देवताओं की पूजा-अर्चना करने के अलग-अलग नियम बताए गए हैं. शास्त्रों में भगवान शिव को बेल पत्र चढ़ाने के कुछ नियम बताए गए हैं. जिसके अनुसार, शिवजी को बेल पत्र हमेशा चिकनी सतह की तरफ से अर्पित करना चाहिए. कटी पत्तियों वाला बेल पत्र शिव जी को नहीं चढ़ाना चाहिए. 3 से कम पत्ते वाला बेल पत्र शिवजी को नहीं चढ़ाएं. केवल 3,5,7 जैसी विषम संख्याओं वाले बेलपत्र शिव जी को चढ़ाने चाहिए. माना जाता है कि 3 पत्तियों वाला बेल पत्र त्रिदेवों और शिव जी के त्रिशूल का रूप है.

इन बातों का रखें ध्यान

बेल पत्र को हमेशा मध्यमा, अनामिका उंगलियों और अंगूठे से पकड़ कर शिव जी को चढ़ाना चाहिए. कहा जाता है कि बेल पत्र कभी अशुद्ध नहीं होता, इसलिए पहले से अर्पित किए हुए बेल पत्र को धोकर फिर से शिव जी को चढ़ाया जा सकता है. बेल पत्र चढ़ाने के बाद हमेशा जल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए. इन नियमों के अनुसार बेल पत्र चढ़ाने से शिवजी जल्दी प्रसन्न होते हैं और सबकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top