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पैसों की जरूरत हो तो लोन की बजाय बैंक से लें ये सुविधा, Personal Loan से कहीं बेहतर है ये विकल्‍प, मिलेंगे ढेरों फायदे

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कई बार पैसों की अचानक जरूरत पड़ती है. ऐसे में पहला ऑप्‍शन तो क्रेडिट कार्ड (Credit Card) होता है. लेकिन क्रेडिट कार्ड की एक लिमिट होती है, साथ ही उससे खर्च की हुई रकम को एक निश्चित समय में लौटाना होता है, वरना बहुत ज्‍यादा ब्‍याज के साथ कीमत चुकानी पड़ती है. अगर क्रेडिट कार्ड से बात न बने तो लोग पर्सनल लोन का चुनाव करते हैं क्‍योंकि इसे लेना आसान है. अगर आपकी सैलरी 20 से 25 हजार भी है, तो भी आपको पर्सनल लोन बहुत आसानी से मिल जाता है. 

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लेकिन पर्सनल लोन (Personal Loan) का बड़ा नुकसान ये है कि इसमें भी अन्‍य लोन की तुलना में ब्‍याज ज्‍यादा होता है. अगर आपके सामने भी ऐसी कोई समस्‍या आए तो आप बैंक की ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी (Overdraft Facility) का फायदा ले सकते हैं. हर व्‍यक्ति का किसी न किसी बैंक में तो अकाउंट होता ही है, जिस बैंक में आपका अकाउंट है, वहां आप ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए मंजूरी ले सकते हैं. अगर आपको बैंक से ओवरड्राफ्ट सुविधा का अप्रूवल मिल जाता है, तो आप अकाउंट में फंड न होने पर भी कर्ज के रूप में अकाउंट से रकम ले सकते हैं.

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क्‍या होती है ओवरड्राफ्ट की सुविधा

ओवरड्राफ्ट भी एक तरह का लोन होता है. ये लोन उसी बैंक से आपको मिलता है, जहां आपका अकाउंट होता है. अगर आपका बैंक आपको ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ लेने की मंजूरी दे देता है, तो आप अपने अकाउंट में से मौजूदा बैलेंस से ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं. जितना अमाउंट आप अकाउंट से निकालते है, उसे एक निश्चित अवधि के अंदर चुकाना होता है और इस पर ब्याज भी लगता है. ओवरड्राफ्ट पर लगने वाले ब्‍याज की गणना डेली बेसिस पर होती है और मासिक रूप से अमाउंट कटता है. ज्‍यादातर बैंक करंट अकाउंट, सैलरी अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट पर ये सुविधा देते हैं.

कितना लोन ले सकते हैं

ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के तहत आप अपने अकाउंट से कितना पैसा कर्ज के तौर पर ले सकते हैं, ये बैंक और एनबीएफसी तय करते हैं. ये लिमिट अलग-अलग बॉरोअर्स के लिए अलग-अलग होती है. आमतौर पर सैलरी पर अगर आप ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी लेते हैं, तो आपको सैलरी की दोगुनी या तिगुनी रकम लोन के तौर पर मिल सकती है. 

कैसे लें इस सुविधा का लाभ

अगर बैंक आपको ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी का फायदा लेने की मंजूरी दे देता है तो आपको लोन के बदले अपनी एफडी, शेयर्स, घर, सैलरी, इंश्योरेंस पॉलिसी, बॉन्ड्स आदि को गिरवी रखना पड़ता है. अगर आप अमाउंट को नहीं चुका पाते हैं तो आपकी गिरवी रखी चीज से इसकी भरपाई की जाती है. लेकिन ओवरड्राफ्टेड अमाउंट आपके द्वारा गिरवी रखी गई चीज से ज्‍यादा है तो गिरवी रखी चीज से भरपाई करने के बाद आपको बाकी के पैसे चुकाने होंगे. हालांकि अगर आपके पास गिरवी रखने के लिए कुछ नहीं है, तो आप क्रेडिट कार्ड से विदड्रॉल के रूप में अनसिक्‍योर्ड ओवरड्राफ्ट सुविधा भी ले सकते हैं.

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पर्सनल लोन से बेहतर क्‍यों

ओवरड्राफ्ट को पर्सनल लोन से बेहतर माना जाता है क्‍योंकि इसमें ब्‍याज तो ज्‍यादा होता ही है, साथ ही अगर आप इस तय समय से पहले चुकाते हैं तो आपको प्रीपेमेंट चार्ज भी देना पड़ता है. लेकिन ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी से लोन लेने के मामले में अगर आप समय से पहले इस लोन को चुकाते हैं तो आपको कोई चार्ज नहीं देना पड़ता. इसके अलावा जितने समय तक आपके पास ओवरड्राफ्ट अमाउंट रहा है, ब्‍याज भी उतने ही समय का देना पड़ता है. अगर आपको अचानक से शॉर्ट टर्म लोन की जरूरत है तो ओवरड्राफ्ट की मदद से आप अपने इन्‍वेस्‍टमेंट को नुकसान पहुंचाए बगैर वित्‍तीय समस्‍याओं को दूर कर सकते हैं.

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