All for Joomla All for Webmasters
धर्म

आखिर किसके ध्यान में मग्न रहते हैं भगवान शिव? जानें कौन हैं भोलेनाथ के आराध्य देव

भगवान शिव हमेशा ध्यान मुद्रा में रहते हैं. कहते हैं कि जो भी भक्त भोलेनाथ की सच्ची श्रद्धा से आराधना करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

Lord Shiva: भगवान शिव को भोलेनाथ, नीलकंठ और अर्धनारीश्वर जैसे कई नामों से जाना जाता है. मान्यता है कि जो भी भक्त भोलेनाथ की सच्ची श्रद्धा से आराधना करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. अक्सर आपने देखा होगा कि भगवान शिव हमेशा ध्यान मुद्रा में रहते हैं. ऐसे में एक सवाल मन में उठता है कि आखिर भगवान शिव किसका ध्यान करते हैं.

आइये आज पंडित इंद्रमणि घनस्याल से इसका जवाब जानते हैं.

अजर-अमर हैं भगवान शिव

पद्मपुराण और शिव पुराण में ये वर्णन मिलता है कि शिव इस सृष्टि के आरंभ से है और इस सृष्टि के अंत होने के बाद भी शिव रहेंगे. शिव ही आदि है और शिव ही अनंत है. त्रिदेवों में शिव ही परम शक्ति है और जो सभी देवताओं के आराध्य हैं. माना जाता है कि ब्रह्मा जी के आंसुओं से भूत-प्रेत बने और मुख के तेज से रुद्र बने. जिसमें से भूत प्रेतों को शिव का गण माना जाता है. इस सृष्टि में जीवन का संचार करने वाले शिव ही थे, जिन्होंने आदिशक्ति के साथ मिलकर सृष्टि में जीवन संभव बनाया.

राम का ध्यान लगाते हैं नीलकंठ

शिव पुराण में भगवान शिव द्वारा श्रीराम का ध्यान लगाने की बात कही गई है. इसके बारे में एक कथा प्रचलित है कि एक बार माता पार्वती ने शिव के ध्यान से उठने के बाद शिव से पूछा कि आप तो स्वयं ही देवों के देव हैं, इसलिए तो आपको देवाधिदेव कहते हैं.

फिर आप समाधि में किसका ध्यान करते हैं. तब शिव ने पार्वती से कहा कि वह जल्दी ही इसका जवाब माता पार्वती को देंगे. इसके बाद भगवान शिव कौशिक ऋषि के सपने में आए और ऋषि कौशिक को राम रक्षा स्त्रोत लिखने का आदेश दिया.

तब ऋषि कौशिक ने सपने में ही शिव से प्रार्थना करते हुए कहा कि वह राम रक्षा स्त्रोत लिखने में सक्षम नहीं हैं. तब शिव ने ऋषि कौशिक को ज्ञान प्राप्ति की शक्ति दी जिसके बाद ऋषि कौशिक ने राम रक्षा स्त्रोत लिखा. उसके बाद शिव ने माता पार्वती को राम रक्षा स्त्रोत पढ़कर सुनाया और कहा कि वह विष्णु के अवतार श्रीराम का ध्यान करते हैं. क्योंकि राम नाम का एक जाप विष्णु जी के सहस्त्र नाम अर्थात हजारों नाम के बराबर है. इसलिए राम ही शिव के आराध्य हैं.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top