गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने अमरेली में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 8 लोगों की आंखों की रोशनी जाने के मामले में जांच के लिए सात डॉक्टरों का एक पैनल गठित किया है.
Gujarat News: गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने अमरेली में मोतियाबिंद ऑपरेशन (Cataract Operation) के बाद 8 लोगों की आंखों की रोशनी जाने के मामले में जांच के लिए सात डॉक्टरों का एक पैनल गठित किया है. जांच समिति के सदस्य अमरेली के शांताबा जनरल अस्पताल के डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ और मरीजों के बयान दर्ज किये हैं. समिति के सदस्य चेतन मेहता ने मीडियाकर्मियों से कहा कि तथ्यों और सुझावों के साथ एक रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपी जाएगी.
शांताबा जनरल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरएन जितिया ने बचाव में कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों ने नवंबर के अंतिम सप्ताह में मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया था. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के समय उनसे कोई गलती नहीं हुई, लेकिन ऑपरेशन के बाद मरीजों ने पर्याप्त सावधानी नहीं बरती. उन्होंने कहा कि इस वजह से ही उन्हें संक्रमण हुआ होगा और उनकी आंखों की रोशनी चली गई होगी.
जितिया का दावा है कि 11 मरीजों ने आंखों में जलन और दर्द की शिकायत की थी. जिन लोगों ने शिकायत की थी उन्हें या तो भावनगर, राजकोट या अहमदाबाद के सरकारी अस्पतालों में भेजा गया था. उनमें से कुछ नेत्रहीन हो गए. पीड़ितों में से एक, लभुबेन धनानी ने बताया कि ऑपरेशन के बाद, जब अगले दिन पट्टी हटाई गई तो उनकी आंखों की रोशनी जा चुकी थी.
शिकायत करने पर डॉक्टरों ने आखों में दवाई की बूंदे डालकर उन्हें घर भेज दिया था. बाद में उन्हें राजकोट के सरकारी अस्पताल में रेफर किया गया, जहां उसे दूसरी बार ऑपरेशन करवाना पड़ा, लेकिन अब वह स्थायी रूप से रोशनी खो चुकी है. हाल ही में यूपी के कानपुर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद छह बुजुर्गों की आंखों की रोशनी चली गई थी. शिकायत मिलने पर आनन-फानन में CMO ने जांच के आदेश दिए थे. इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं.