कुछ दिन पहले पाकिस्तान के प्रमुख अखबार द डॉन ने भी एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था कि गिलगित-बाल्टिस्तान में प्रदर्शनकारियों ने हाथ लालटेन लेकर सरकार के खिलाफ मार्च निकाला था. शहर के हुसैनी चौक में प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी, बाल्टिस्तान अवामी एक्शन कमेटी के आह्वान पर कई राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हिस्सा, PoK) में स्थानीय लोग पाकिस्तानी सेना और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. गुरुवार को भी विरोध का एक वीडियो सामने आया. वीडियोमें देखा जा सकता है कि पाकिस्तानी सेना के कुछ अधिकारी और सैनिक सड़क से गुजर रहे हैं, और कुछ लोग उनका रास्ता रोककर नारेबाजी कर रहे हैं. गिलगित-बाल्टीस्तान के लोगों को इस समय बिजली और राशन की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए यहां लोग सरकार और आर्मी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
कुछ दिन पहले पाकिस्तान के प्रमुख अखबार द डॉन ने भी एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था कि गिलगित-बाल्टिस्तान में प्रदर्शनकारियों ने हाथ लालटेन लेकर सरकार के खिलाफ मार्च निकाला था. शहर के हुसैनी चौक में प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी, बाल्टिस्तान अवामी एक्शन कमेटी के आह्वान पर कई राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. रिपोर्ट के मुताबिक कड़ाके की ठंड में इस क्षेत्र के लोगों को 22 घंटे तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा लोग गेहूं की कमी से जूझ रहे हैं.
बाल्टिस्तान अवामी एक्शन कमेटी के प्रमुख नजफ अली और अंजुमन ताजरान-ए-स्कर्दू के अध्यक्ष गुलाम हुसैन अतहर के हवाले से द डॉन ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में लिखा, ‘सब्सिडी वाला आटा बाजार से लगभग गायब हो गया है, क्योंकि संघीय सरकार ने क्षेत्र में आपूर्ति को कम कर दिया है. आम नागरिकों की समस्याओं पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है. इस क्षेत्र में लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.’ नजफ अली ने बताया कि लोगों की समस्याओं को दूर करने की जगह, जनता के गुस्से से बचने के लिए स्थानीय नेता इस्लामाबाद चले गए हैं.
गिलगित-बाल्टिस्तान के एक स्थानीय अखबार इंतेखाब डेली की रिपोर्ट के मुताबिक कलात के गरीबाबाद में भी नागरिक लंबे समय से बिजली और गैस की समस्या से जूझ रहे हैं. नवंबर में लोगों ने अधिकारियों से इस संबंध में शिकायत की, लेकिन स्थिति नहीं बदली. इसलिए, लोग सरकार और सेना का विरोध कर रहे हैं. वे सड़कों पर उतर आए हैं. महिलाओं और बच्चों ने इस क्षेत्र को शेष पाकिस्तान से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया है. कराची-क्वेटा मार्ग पर यातायात बुरी तरह बाधित है. इलाके में ठंड और बर्फबारी के कारण बिना बिजली और राशन के लोगों का जीवन दुभर हुआ पड़ा है.