All for Joomla All for Webmasters
जरूरी खबर

रुस से तेल खरीदारी पहुंच सकती है रिकॉर्ड लेवल पर, भारतीय रिफाइनरीज की इस वजह से है बल्ले-बल्ले

crude_oil

रुस से भारत को तेल का निर्यात रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच सकता है। भारतीय रिफाइनरीज का कहना है कि अगर भाव सही रहेगा तो वे रुस से कच्चे तेल की खरीदारी बढ़ाने के लिए तैयार हैं।

ये भी पढ़ें–करोड़पति बना देगी सरकार की ये योजना, घर बैठे ऑनलाइन खोलें अकाउंट

पिछले साल 2022 में भारत ने रुस से तेल खरीदारी बढ़ाया और साल के आखिरी तक तो यह रिकॉर्ड मंथली वॉल्यूम तक पहुंच गया। इसका अनुमान इससे लगा सकते हैं कि पिछले साल अप्रैल-दिसंबर में भारत में 62 फीसदी तेल ओपेक से आया था, जबकि उसके पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 71 फीसदी था।

ये भी पढ़ें– LIC Scheme: 1000 रुपये/महीना पेंशन चाहिए? तो इस स्कीम में लगाएं पैसा, जिदंगीभर मिलेगा फायदा

रुस से तेल खरीदारी में दिलचस्पी बढ़ने की वजह भाव सस्ता होना है। यूक्रेन से लड़ाई के बाद रुस ने सस्ते में तेल बेचना शुरू किया जिसके चलते भारतीय रिफाइनरी कंपनियां बड़ी मात्रा में वहां से तेल खरीद रही हैं। पश्चिमी देशों के बैन के चलते सस्ता है रुस से तेल खरीदना यूरोपीय यूनियन ने रुस के तेल पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। ऐसे में भारतीय रिफाइनरीज के एग्जेक्यूटिव्स का मानना है कि भारत के लिए अगले महीने से रसियन तेल और सस्ता हो सकता है।

ये भी पढ़ें:- Mukesh Ambani Networth: इस बड़ी विदेशी कंपनी में होगी रिलायंस की हिस्सेदारी! मुकेश अंबानी का ये है मेगाप्लान

Rystad Energy के डाउनस्ट्रीम ऑयल ट्रेडिंग के प्रमुख मुकेश सहदेव के मुताबिक मौजूदा दौर में एक चक्रीय कारोबार चल रहा है यानी कि रुस से पश्चिमी देश तेल खरीदना नहीं चाहती हैं तो भारत रुस से सस्ते में तेल खरीद रहा है और इसे रिफाइन कर पश्चिमी देशों को बेच रहा है।

ये भी पढ़ें:-Dormant Account: कब डोर्मेंट अकाउंट बन जाता है आपका खाता, इसे फिर से कैसे करें एक्टिव?

Project Blueprint: 45 की उम्र में 18 साल का युवा बनने की कोशिश, 20 लाख डॉलर के सालाना खर्च में Johnson दे रहे कुदरत को चुनौती रुस से तेल मंगाने पर भारतीय रिफाइनरी की बल्ले-बल्ले यूक्रेन पर हमले के बाद रुस के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी इकोनॉमी को बचाने की थी।

ये भी पढ़ें:-Samsung का जबरदस्त ऑफर, ’44 रुपये की EMI’ पर खरीद सकेंगे 5G फोन, जानिए क्या है डील

दोनों देशों की लड़ाई अभी भी जारी है और इस दौरान तेल ने इसकी इकोनॉमी को काफी हद तक संभाला हुआ है। भारत ने रुस से काफी मात्रा में तेल खरीदा जिससे रुस को तो फायदा मिला ही, भारत को भी सस्ते में तेल मिला। रुस के तेल के लिए भारत और चीन अहम खरीदार बनकर उभरे। रुस से तेल मंगाने के बाद भारतीय रिफाइनरी उन्हें डीजल जैसे ईंधन में बदलती हैं और फिर उन्हें यूरोप समेत अन्य जगहों पर बिक्री करती हैं। इससे उनका प्रॉफिट मार्जिन बढ़ता है।

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top