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PPF v/s EPF v/s VPF: कहां जल्‍दी बढ़ेगा पैसा? रिटर्न और टैक्‍स छूट समझें पूरा गणित, फिर लगाएं पैसा

Investment Tips: कहीं भी निवेश करने से पहले जांच-पड़ताल जरूरी है. गलत निवेश योजना चुनने से पैसा डूबने और कम रिटर्न मिलने का खतरा रहता है. पीपीएफ (PPF), ईपीएफ (EPF) और वीपीएफ (VPF) में लगाए पैसे में ये दोनों ही जोखिम नहीं होते हैं.

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नई दिल्‍ली. जोखिम न उठाने वाले व्‍यक्तियों के लिए देश में कई निवेश योजनाएं मौजूद हैं. कर्मचारी भविष्‍य निधि (EPF), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और स्‍वैच्छिक भविष्‍य निधि (VPF) भी इनमें शामिल हैं. इन तीनों ही जगह पैसा लगाना न केवल सुरक्षित है बल्कि इनमें शानदार रिटर्न भी मिलता है. टैक्‍स छूट का हकदार भी इनमें पैसा लगाने वाला निवेशक होता है. इनकी इन्‍हीं खूबियों की वजह से लॉन्‍ग टर्म के लिए रिस्‍क फ्री इनवेस्‍टमेंट करने वाले निवेशकों को ये प्रोविडेंट फंड योजनाएं खूब भाती हैं. अगर आप भी रिटायरमेंट के लिए बड़ा फंड जमा करना चाहते हैं, तो आप भी इनमें पैसा लगा सकते हैं.

ये तीनों ही योजनाएं काफी आकर्षक हैं. इनकी खूबियां काफी मिलती-जुलती हैं. कुछ को लगता है कि तीनों एक जैसी ही हैं. यही कारण है इनमें से किसी एक को चुनने में निवेशक उलझन में पड़ जाते हैं. ईपीएफ किसी जॉब करने वाले व्यक्ति के सैलरी से एक अनिवार्य योगदान है. पीपीएफ में इन्वेस्टमेंट कोई भी भारतीय नागरिक कर सकता है. वीपीएफ एक स्‍वैच्छिक योजना है. इसका अलग से अकाउंट नहीं होता. ईपीएफ अकाउंट में ही निवेश करना होता है.

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कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)
कोई भी कंपनी जिनके यहां 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, उसको कर्मचारी का ईपीएफ काटना होता है. कर्मचारी को अपने वेतन की एक तय राशि ईपीएफ अकाउंट में जमा करानी होती है.‍ कंपनी भी कर्मचारी के ईपीएफ अकाउंट में कर्मचारी के जितनी ही राशि जमा कराता है. फाइनेंशियल वर्ष, 2022-23 के लिए EPF ब्याज दर 8.15 फीसदी है. प्रॉविडेंट फंड में सालाना 2.50 लाख रुपये तक निवेश ही टैक्स फ्री रहेगा. इससे ज्यादा निवेश और उस पर मिलने वाले ब्याज को अब इनकम माना जाएगा और उस पर आपको इनकम टैक्स देना होगा.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पीपीएफ सरकार द्वारा गारंटीशुदा एक निवेश योजना है. इसमें निश्चित रिटर्न और टैक्‍स बैनिफिट मिलते हैं. वेतनभोगी और गैर वेतनभोगी पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं. इस योजना में 15 साल तक निवेश किया जा सकता है. इसमें आप एक वित्त वर्ष में 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं.हर साल 7.1 फीसदी की कंपाउंडिंग ब्याज मिलता है.इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत आपको एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है. इसके साथ ही इस स्कीम पर मिलने वाले ब्याज पर आपको किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा.

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वीपीएफ (VPF)
स्‍वैच्छिक भविष्‍य निधि एक स्‍वैच्छिक योजना है. भविष्य निधि (EPF) में आप जो अपनी मर्जी से इन्वेस्ट करते हैं वह पैसा वीपीएफ में जाता है. यह ईपीएफ में किए जाने वाले 12 फीसदी निवेश से अलग होता है. आप अपनी कंपनी में वीपीएफ के लिए एक अलग से निवेश शुरू करने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड में निवेश पर कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) जितना ब्याज मिलता है. इसकी ब्याज दरों में हर साल बदलाव किया जाता है.

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कहां करें निवेश?
वेतनभोगी कर्मचारी ईपीएफ में निवेश करते ही हैं. जो लोग रिटायरमेंट के लिए ज्‍यादा फंड जमा करना चाहते हैं वो इसमें वीपीएफ के माध्‍यम से ज्‍यादा निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा वे पीपीएफ में अलग से पैसा जमा करा सकते हैं. पीपीएफ और वीपीएफ में से किसी किसी एक को चुनने का फैसला आपकी निवेश क्षमता और निवेश पर मिलने वाले रिटर्न की अपेक्षा पर निर्भर करता है. फिलहाल वीपीएफ पर 8.5 फीसदी रिटर्न मिल रहा है जबकि पीपीएफ में यह 7.1 फीसदी है.

वीपीएफ में पैसा लगाकर आप तेज गति से ज्‍यादा रिटायरमेंट फंड बना सकते हैं. वहीं, अगर आपको अगर 15 साल की अवधि में कोई वित्‍तीय लक्ष्‍य हासिल करना है, तो पीपीएफ में पैसा लगा सकते हैं. अगर आपकी आमदनी ज्‍यादा है तो टैक्‍स फ्री ब्‍याज के लिए वीपीएफ और पीपीएफ, दोनों में पैसा डाल सकते हैं. जो लोग स्‍वरोजगार करते हैं वे पीपीएफ में पैसा लगा सकते हैं क्‍योंकि यह टैक्‍स सेविंग और लॉन्‍ग टर्म में बड़ा फंड बनाने का बेहतरीन साधन है.

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