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Good News For Modi Govt: एक के बाद एक मोदी सरकार के लिए 5 गुड न्यूज, पहली खबर एक 1 अप्रैल को आई

नए वित्त वर्ष की शुरुआत केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Govt) के लिए शानदार रही है. इस महीने अब तक एक के बाद एक सरकार के लिए 5 गुड न्यूज आई हैं. जो देश की इकोनॉमी के तेज रफ्तार से आगे बढ़ने की सबूत हैं. इनमें जहां थोक महंगाई (WPI) और खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) के आंकड़े राहत देने वाले रहे हैं, तो वहीं टैक्स कलेक्शन (Tax Collection) के आंकड़े भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं. ग्लोबल मंदी की आशंकाओं के बीच देश की जीडीपी (GDP) लगातार आगे की ओर बढ़ रही है और दुनिया ने इसे माना है. आइए नजर डालते हैं अप्रैल में सरकार के लिए आई इन पांच अच्छी खबरों पर…

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थोक महंगाई दर (WPI)

देश में थोक महंगाई के आंकड़े सोमवार को जारी किए गए, जो राहत देने वाले हैं. मार्च 2023 में थोक महंगाई दर (WPI) गिरकर 1.34 फीसदी पर आ गई है. ये बीते 29 महीने में थोक महंगाई का सबसे निचला स्तर है. ये लगातार 10वां महीना है, जबकि थोक महंगाई दर में गिरावट देखने को मिली है. इससे पिछले महीने फरवरी में ये आंकड़ा 3.85 फीसदी रहा था. मार्च में खाद्य महंगाई दर में भी बड़ी गिरावट आई है और ये फरवरी के 2.76 फीसदी से कम होकर 2.30 फीसदी पर आ गई है

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खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation)

सरकार की ओर से बीते दिनों जारी किए गए खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) के मार्च महीने के आंकड़े भी राहत भरे थे. CPI यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 5.66 फीसदी दर्ज किया गया था, जबकि फरवरी में यह 6.44 फीसदी रहा था. इस गिरावट के बाद मार्च में खुदरा महंगाई 15 महीने के निचले स्तर पर आ गई थी. इसके साथ ही एक बार फिर खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के तय दायरे में पहुंच गया है.

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सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी

अर्थव्यवस्था (Economy) के मोर्चे पर भारत सबसे आगे है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भले ही देश की विकास दर के पूर्वानुमान में कटौती की है, लेकिन इसके बावजूद वैश्विक निकाय ने कहा है कि भारत अभी दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने अप्रैल की शुरुआत में अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की विकास दर के अनुमान को 5.9 फीसदी कर दिया है. ये चीन समेत कई देशों से ज्यादा है.

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डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में इजाफा

वित्त वर्ष 2022-23 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Direct Tax collections) सरकार के अनुमान से अधिक रहा. वित्त वर्ष 2022-23 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 16.61 लाख करोड़ रुपये रहा है. वहीं, 2021-22 वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 14.12 लाख करोड़ रुपये रहा था. इस हिसाब से 2022-23 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बीते वर्ष के मुकाबले 17.63 फीसदी अधिक रहा है.

22 फीसदी अधिक जीएसटी कलेक्शन

एक अप्रैल 2023 को मोदी सरकार के लिए पहली गुड न्यूज आई थी. वित्त वर्ष 2022-23 में ग्रॉस GST का कुल कलेक्शन 18.10 लाख करोड़ रुपये हो गया. 2022-23 में ग्रॉस राजस्व पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक रहा. अप्रैल 2022 में 1.68 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन अब तक सबसे अधिक कलेक्शन है. इसके बाद मार्च 2023 में GST का कलेक्शन 1.60 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े के पार पहुंचा.

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