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RBI की शानदार पहल, करोड़ों बैंक कस्‍टमर को होगा फायदा; जानकर खुशी से उछल पड़ेंगे आप

RBI: आरबीआई के पूर्व ड‍िप्‍टी गवर्नर बीपी कानूनगो की अध्‍यक्षता में गठ‍ित समिति ने बैंकों को ग्राहकों के हित में कुछ कदम उठाने का सुझाव दिया है. कानूनगो सम‍ित‍ि की तरफ से द‍िए गए सुझाव में सबसे महत्‍वपूर्ण स‍िफार‍िश यह है क‍ि केवाईसी (KYC) नहीं होने पर बैंकों को कस्‍टमर के खाते को बंद नहीं करना चाह‍िए.

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RBI Panel Suggestions: बैंक‍िंग सेक्‍टर का व‍िस्‍तार देश में तेजी के साथ हो रहा है. इसी को ध्‍यान में रखते हुए ग्राहकों को बैंक से म‍िलने वाली सर्व‍िस की क्‍वाल‍िटी में सुधार की लगातार कोश‍िश की जा रही है. र‍िजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बैंक ग्राहकों को बेहतर सर्व‍िस देने, बैंक‍िंग धोखाधड़ी से बचाने और लेटेस्‍ट तकनीक के जर‍िये इंटरनेशनल लेवल की बैंक‍िंग सर्व‍िस देने की कोश‍िश की जा रही है. आरबीआई (RBI) की तरफ से बैंक‍िंग सुव‍िधाओं की क्‍वाल‍िटी बेहतर बनाने के ल‍िए ज‍िस सम‍ित‍ि का गठन क‍िया गया था, उसकी र‍िपोर्ट सौंप दी गई है.

KYC नहीं होने पर कस्‍टमर का खाता बंद नहीं होना चाह‍िए

आरबीआई के पूर्व ड‍िप्‍टी गवर्नर बीपी कानूनगो की अध्‍यक्षता में गठ‍ित समिति ने बैंकों को ग्राहकों के हित में कुछ कदम उठाने का सुझाव दिया है. कानूनगो सम‍ित‍ि की तरफ से द‍िए गए सुझाव में सबसे महत्‍वपूर्ण स‍िफार‍िश यह है क‍ि केवाईसी (KYC) नहीं होने पर बैंकों को कस्‍टमर के खाते को बंद नहीं करना चाह‍िए. सम‍ित‍ि ने ऐसा स‍िस्‍टम बनाने की स‍िफार‍िश की है, ज‍िससे बार-बार केवाईसी (KYC) की जरूरत न हो. इसी तरह होम लोन लेने वाले ग्राहकों को समय पर प्रापर्टी के कागजात देने की बात कही गई है.

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सम‍ित‍ि की तरफ से की गई स‍िफार‍िशें
बैंककर्म‍ियों को ग्राहकों से बेहतर व्‍यवहार करने की ट्रेन‍िंग दी जाए.
सभी एटीएम में एक ही तरह की सूचना देने की व्‍यवस्‍था होनी चाह‍िए.
ड‍िज‍िटल फ्रॉड को रोकने के लिए बैंकों की तरफ से व‍िशेष कदम उठाए जाए.
सर्व‍िस से असंतुष्‍ट रहने वाले ग्राहकों के ल‍िए श‍िकायत दर्ज कराने का स‍िस्‍टम आसान हो.
साइबर क्राइम से बैंक ग्राहकों की बेहतर सुरक्षा का इंतजाम हो.

श‍िकायतों का कॉमन पोर्टल बनाया जाए
ग्राहकों की तरफ से श‍िकायतों को समय पर दर्ज कराने और उनके न‍िपटारे के ल‍िए भी स‍िफार‍िशें की गई. देश में सालाना एक करोड़ से ज्‍यादा बैंक कस्‍टमर अलग-अलग तरह की श‍िकायत करते हैं. इन सभी के ल‍िए एक कॉमन पोर्टल हो ताक‍ि श‍िकायत दर्ज कराने में और उसके न‍िपटारे दोनों में ही आसानी हो. उससे यह भी पता चल सकेगा क‍ि कार्रवाई हो रही है या नहीं.

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समिति की तरफ से यह सुझाव भी द‍िया गया क‍ि खाताधारक की मौत के बाद उत्तराधिकारियों के दावों का ऑनलाइन निपटान होना चाह‍िए. साथ ही पेंशनर्स की तरफ से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने में लचीलापन दिखाने का सुझाव बैंकों को दिया गया. रिपोर्ट में कहा गया क‍ि संपत्ति के दस्‍तावेज खोने पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों को न केवल उनकी लागत पर दस्तावेजों की प्रमाणित पंजीकृत प्रतियां पाने में मदद के लिए बाध्य होना चाहिए बल्कि पर्याप्त मुआवजा भी देना चाहिए.

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