All for Joomla All for Webmasters
समाचार

2024 के चुनावों को लेकर भविष्यवाणी! झमेला करेगी AI तकनीक, कोरोना से भी तेज फैलेंगी गलत सूचनाएं

AI impact on election- आम चुनाव में गलत सूचनाओं और समाचारों की बाढ़ एआई की वजह से आएगी. इसे रोकना लगभग असंभव ही है.

नई दिल्‍ली. साल 2024 में होने वाले आम चुनाव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) गलत सूचनाएं फैलाने का नया हथियार होगा. एआई (AI) की तक पहुंच सुलभ होने से भ्रामक समाचारों सहित हर तरह की गलत और झूठी जानकारियों की बाढ़ चुनावों के दौरान आएगी, जिसे रोकना किसी के बस की बात नहीं होगी. यह कहना है गूगल के पूर्व सीईओ एरिक श्मिट का. सीएनबीसी के कार्यक्रम “स्क्वॉक बॉक्स” में उन्‍होंने यह भविष्‍यवाणी की है. वे श्‍मिट फ्यूचर्स के सह-संस्‍थापक भी है.

ये भी पढ़ें- आज से वंदेभारत एक्‍सप्रेस की संख्‍या हो जाएगी 23, जानें इन सभी के रूट

श्‍मिट ने कहा कि 2024 में होने वाले आम चुनावों में बहुत झमेला होने वाला है. इसका कारण यह यह है कि सोशल मीडिया के पास यूजर्स को एआई की मदद से बनाए और फैलाए गए फेक कंटेंट से यूजर्स को बचाने का कोई तरीका नहीं है. गलत सूचनाएं रोकने को सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म प्रयासरत हैं, लेकिन उन्‍हें अभी इसमें सफलता नहीं मिली है. हकीकत यह है कि ट्रस्‍ट और सेफ्टी ग्रुप्‍स बढ़ने की बजाय सिकुड़ते जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- तीन तलाक और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर पीएम मोदी का बड़ा बयान, क्या यही रहेगा 2024 के चुनाव में बीजेपी का एजेंडा?

गलत सूचना सबसे बड़ा खतरा
एआई के लॉन्‍ग टर्म खतरों के बारे में पूछे जाने पर श्‍मिट ने कहा कि सभी इसके दीर्घकालीन प्रभावों की बात कर रहे हैं, लेकिन ‘गलत सूचना’ ऐसा खतरा है जो सबसे पहले हमारे सामने होगा. समाज पर एआई का कई तरह से प्रभाव होगा.

गूगल ने हाल ही में साल 2020 के अमेरिकी इलेक्‍शन में हुए कथित फ्रॉड के किए गए झूठे दावों को यूट्यूब से हटाना शुरू कर दिया था. कंपनी का कहना है कि उसने यह निर्णय समाज को बचाने और यूट्यूब को ओपन डिस्‍कशन फोरम के रूप में बनाए रखने के लिए किया है.

ये भी पढ़ें- विदेशमंत्री जयशंकर समेत 10 राज्यसभा सांसदों का हो रहा कार्यकाल खत्म, 24 जुलाई को होंगे चुनाव

बोलने की आजादी मानव को, कंप्‍यूटर को नहीं
फ्री स्‍पीच के बारे में श्मिट ने कहा कि बोलने की आजादी इंसानों को दी जा सकती है, कंप्‍यूटर्स को नहीं. श्‍मिट ने कहा कि सोशल मीडिया को सारे कंटेंट को मार्क करना चाहिए. प्‍लेटफॉर्म को पता होना चाहिए कि यूजर कौन है. अगर कोई कानून तोड़ता है, तो उसे उसके लिए जिम्‍मेदार ठहराया जाना चाहिए. हालांकि, इससे गलत सूचनाएं पूरी तरह रुक नहीं जाएगी, लेकिन यह तो पता चल ही जाएगा की आखिर ये दावे कर कौन रहा है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top