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Farmer’s Loan: किसानों को नहीं होगी पैसे की किल्लत, निर्मला सीतारमण ने कर दिया है यह उपाय

नई दिल्ली: मानसून का आगाज हो चुका है। इसके साथ ही खेती-किसानी का काम भी शुरू हो गया है। चिड़िया के जगने से पहले किसान खेत में पहुंच रहे हैं और खेती-बाड़ी का काम शुरू कर रहे हैं। ऐसे में खाद-बीज और अन्य आवश्यक कार्यों के लिए किसानों को पैसे की किल्लत नहीं होगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को विशेष निर्देश दिया है। उन्होंने कृषि क्षेत्र में ऋण की पहुंच बढ़ाने का निर्देश दिया है। वित्त मंत्री का जोर खासकर छोटे और सीमांत किसानों (Small & Marginal Farmers) और सूक्ष्म उद्यमों (Micro Industries) पर है।

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पीएसयू बैंक की हो रही थी समीक्षा

निर्मला सीतारमण कल साल 2022-23 के लिए विभिन्न वित्तीय स्वास्थ्य मापदंडों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSU Banks) के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उस दौरान उन्होंने मुख्य रूप से सकारात्मक मैक्रो रुझान, बेहतर व्यावसायिक भावनाओं, ‘ट्विन बैलेंस शीट लाभ’ और राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों के समग्र प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने जोखिम प्रबंधन और व्यापार आधार के विविधीकरण पर ध्यान केंद्रित करके बैंकों द्वारा नियामक ढांचे के पालन पर भी जोर दिया। बैठक में यह नोट किया गया कि हाल के वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र के विकास से उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद व्यावसायिक परिदृश्य में उत्तरोत्तर सुधार हो रहा है।

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रेहड़ी-पटरी वालों को भी लोन दें

सीतारमण ने बैंकों से पीएमस्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को ऋण देने के लक्ष्य को पूरा करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि पीएमस्वनिधि के तहत लोन देने की गति को कायम रखा जाना चाहिए। वित्तमंत्री ने उनसे यह देखने को कहा कि नियामक के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार गैर-निष्पादित संपत्तियों (Bank NPA) की निष्पक्ष और पारदर्शी पहचान हो। उन्होंने यह भी कहा कि बैंकों को समय-समय पर आंतरिक रूप से एनपीए की समीक्षा करनी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तनावग्रस्त संपत्तियों की उचित पहचान और रिपोर्टिंग हो।

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हो लगातार निगरानी

सीतारमण ने बैंक प्रमुखों से कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) के प्रायोजक बैंकों को आरआरबी का समयबद्ध तकनीकी उन्नयन सुनिश्चित करना चाहिए। साथ ही उन्हें अधिक कुशल और प्रभावी बनाने के लिए उनके कामकाज की लगातार निगरानी करनी चाहिए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी फायदा होगा। उन्होंने उनसे मजबूत जोखिम प्रबंधन प्रथाओं के साथ संबंधित व्यवसाय मॉडल जोखिम को संबोधित करने और कुशल और इष्टतम परिसंपत्ति देयता प्रबंधन करने के लिए भी कहा। इसके अलावा, सीतारमण ने उन्हें जमा में सुधार के लिए कदम उठाने और सेवाओं में आसानी और ग्राहक सुरक्षा पर केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया।

एनपीए में हुआ है सुधार

इस बीच, यह नोट किया गया कि मार्च 2023 में सकल एनपीए 4.97 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 1.24 प्रतिशत के साथ बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। साल 2022-23 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड कुल शुद्ध लाभ कमाया, जो 2013-14 में अर्जित शुद्ध लाभ से लगभग तीन गुना है। 15.53 प्रतिशत सीआरएआर (दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में) की उच्च पूंजी पर्याप्तता, स्वस्थ प्रावधान कवरेज (90.68 प्रतिशत) द्वारा समर्थित स्वच्छ बैलेंस शीट और बेहतर लचीलेपन से मजबूत होकर बैंक ऋण आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए अच्छी स्थिति में हैं।

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