नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है. पाकिस्तान का नेशनल एकाउंटबिलिटी ब्यूरो (National Accountability Bureau) इमरान खान के पीछे पड़ गया है. इससे आम चुनाव से पहले इमरान खान के लिए नया संकट खड़ा हो गया है. पब्लिक एकाउंट कमेटी ने नेशनल एकाउंटबिलिटी ब्यूरो और फेडरल इनवेस्टीगेशन एजेंसी को एक मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
आरोप है कि कोरोनाकाल में इमरान खान ने पाकिस्तान का प्रधानमंत्री रहते हुए 620 उद्योगपतियों को 3 बिलियन डॉलर बिना ब्याज के दिए. पब्लिक एकाउंट कमेटी (पीएसी) चेयरमैन ने पाकिस्तान के ऑडिटर जनरल को इन पैसों की फॉरेंसिक ऑडिट के निर्देश दिए हैं. यहीं नहीं पब्लिक एकाउंट कमेटी ने लाभ लेने वाले 620 उद्योगपतियों का ब्योरा भी सौंपने को कहा गया है.
इस बात की भी जांच होगी कि जो पैसे बिना ब्याज के दिए गए उनका क्या हुआ. आरोप है कि इमरान खान ने कोरोनाकाल में ऐसे उद्योगपतियों को बड़ी रकम बिना ब्याज के बांटी जो उनके करीबी थे. पब्लिक एकाउंट कमेटी की तरफ से मांग की जा रही है कि उन उद्योगपतियों की लिस्ट जारी की जाए, जिन्हें इमरान की पार्टी पीटीआई की सरकार के वक्त इंटरेस्ट फ्री पैसे दिए गए.
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मुसीबतों के बीच इमरान को गांधी का सहारा
इमरान खान पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है. उनके खिलाफ सैकड़ों मामले चल रहे हैं. उन्हें आए दिन कोर्ट में पेश होना पड़ता है. बीच पाकिस्तान में आम चुनाव भी हैं. जिसे देखते हुए इमरान खान ने अपनी तुलना महात्मा गांधी औऱ नेल्सन मंडेला से की है. इमरान ने कहा कि पाकिस्तान की हुकूमत फिर से जेल में डालने की साजिश रच रही है क्योंकि उन्हें आम चुनावों में हार का डर है. इमरान खान ने कहा कि वो राजनीति में करियर बनाने नहीं आए हैं. महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला जैसे महान पुरुषों ने आजादी की लड़ाई लड़ी औऱ वो लोग मुझे प्रेरित करते हैं.
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इमरान खान पर हैं सैकड़ों मुकदमे
इमरान खान सत्ता से बाहर हैं जिसके बाद से उनके खिलाफ मुकदमों की बाढ़ सी आ गई है. मौजूदा शहबाज सरकार इमरान के खिलाफ कई मामले दर्ज कर चुकी है. इमरान के खिलाफ भ्रष्टाचार, हत्या, हमले, देशद्रोह और आतंकवाद के 170 मुकदमे दर्ज हैं.