New GST Rule जीएसटी विभाग आईटीसी पर नए नियम को जल्द मंजूरी दे सकता है। इस नियम के बाद अगर कोई कारोबारी अतिरिक्त आईटीसी क्लेम करता है तो उसे GSTR-1 और GSTR-3B में अंतर के बारे में बताना होगा। ये नियम दोनों आईटीसी में अंतर 20 प्रतिशत या 25 लाख रुपये से अधिक होने पर ही लागू होगा।
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नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। जीएसटी काउंसिल की ओर से जल्द इनपुट टैक्स क्रेडिट पर एक नया नियम लाया जा सकता है। इस नियम के आने के बाद अगर कोई व्यापारी अतिरिक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम करता है तो टैक्स ऑथोरिटीज को इसके कारण के बारे में विस्तार से बताना होगा।
कमेटी ने दी सिफारिश
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इसे लेकर एक लॉ कमेटी भी बनाई गई है, जिसमें केंद्र और राज्य के टैक्स ऑफिसर्स शामिल हैं। कमेटी की ओर से राय दी गई है। जीएसटीआर-3बी रिटर्न में प्राप्त आईटीसी ऑटो जनरेटेड स्टेटमेंट जीएसटीआर -2बी में मिली आईटीसी में अंतर तय सीमा से अधिक है तो पंजीकृत व्यक्ति को इसके अंतर के बारे में बताना होगा या फिर अतिरिक्त आईटीसी को ब्याज के साथ वापस करना होगा।
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कमेटी की ओर से सिफारिश की गई है ये नियम तभी लागू होगा, जब आईटीसी में अंतर 20 प्रतिशत से अधिक और 25 लाख से अधिक होगा।
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11 जुलाई को होगा फैसला
जीएसटी परिषद इस सिफारिश पर फैसला 11 जुलाई को होने वाली बैठक में ले सकती है। मौजूदा समय में कारोबारी जीएसटीआर-3बी में टैक्स का भुगतान करते समय अपनी जीएसटी देनदारी की भरपाई के लिए अपने आपूर्तिकर्ताओं द्वारा भुगतान किए गए टैक्स का उपयोग करते हैं जिन्हें आमतौर पर आईटीसी कहा जाता है।
जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी में टैक्स देनदारी में अंतर 25 लाख रुपये की तय सीमा या 20 प्रतिशत से अधिक आता है तो कारोबारियों को इस अंतर के कारण को बताना होगा या फिर टैक्स जमा करना होगा।
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इसके साथ जीएसटी नेटवर्क की ओर से जीएसटीआर -2B फॉर्म को बनाया जा रहा है, जो कि आईटीसी स्टेटमेंट का ऑटो ड्राफ्ट होगा। ये टैक्सपेयर्स को उसके आपूर्तिकार्ता के प्रत्येक दस्तावेज पर आईटीसी उपलब्धता और अनउपलब्धता के बारे में बताएगा।