OMSS: केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने चावल के लिए खुली बाजार बिक्री योजना (OMSS) में राज्यों को भाग लेने की अनुमति देने से इंकार करते हुए कहा कि केंद्र अगले कदम पर फैसला लेने से पहले देखेगा कि ई-नीलामी दौर कैसे चलते हैं.
Open Market Sales Scheme: केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से कुछ समय पहले ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत कई राज्यों को चावल-गेहूं की बिक्री बंद कर दी गई थी. सरकार के इस कदम से गरीबों को मुफ्त अनाज देने वाले राज्यों पर सीधा असर पड़ा था. दरअसल, सरकार के इस फैसले के बाद राज्यों को सेंट्रल पूल से गेहूं और चावल मिलना बंद हो गया था. अब पहले दौर की ई-नीलामी में छोटे कारोबारियों से अच्छा रिस्पांस नहीं मिलने के कारण, योजना में बदलाव पर विचार किया जा सकता है. सरकार को चावल की बिक्री के लिए आयोजित पहली ई-नीलामी में ठंडी प्रतिक्रिया मिली है.
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कर्नाटक और केंद्र सरकार के बीच तनातनी की स्थिति
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने चावल के लिए खुली बाजार बिक्री योजना (OMSS) में राज्यों को भाग लेने की अनुमति देने से इंकार करते हुए कहा कि केंद्र अगले कदम पर फैसला लेने से पहले देखेगा कि ई-नीलामी दौर कैसे चलते हैं. ओएमएसएस (OMSS) के तहत चावल की उपलब्धता को लेकर कांग्रेस-शासित कर्नाटक और केंद्र सरकार के बीच तनातनी की स्थिति बन गई है. केंद्र का कहना है कि अगर सभी राज्य केंद्रीय बफर स्टॉक से चावल मांगना शुरू कर देते हैं तो मांग को पूरा करने के लिए उसके पास पर्याप्त भंडार नहीं है.
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OMSS कई साल के बाद शुरू किया गया
चोपड़ा ने कहा कि तमिलनाडु और ओडिशा सहित 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का कहना है कि केंद्र के खाद्य भंडार का इस्तेमाल देश के करोड़ों लोगों के हित में किया जाना चाहिए. यह किसी विशेष वर्ग और विशेष समुदाय के लिए नहीं होना चाहिए. खाद्य सचिव ने मीडिया से कहा कि चावल के लिए ओएमएसएस (OMSS) कई साल के बाद शुरू किया गया है और यह कदम खुदरा बाजार में किसी भी मूल्य वृद्धि के खिलाफ बाजार को संकेत देने के लिए उठाया गया है. केंद्र की तरफ यदि चावल की बिक्री राज्यों को फिर से शुरू की जाती है तो इसका सीधा फायदा मुफ्त राशन लेने वाले परिवारों को मिलेगा.
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5 जुलाई को आयोजित हुई पहली ई-नीलामी
ओएमएसएस (OMSS) के तहत चावल की बिक्री के लिए 5 जुलाई को आयोजित पहली ई-नीलामी में एफसीआई (FCI) ने 3.88 लाख टन चावल की पेशकश की थी. लेकिन 5 बोलीदाताओं को केवल 170 टन चावल ही बेचा गया. अगली नीलामी 12 जुलाई को होने वाली है. चोपड़ा ने कहा, ‘एक दौर में अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिलने से निराश न हों. ओएमएसएस (OMSS) के तहत चावल की बिक्री समाप्त नहीं हुई है. यह 31 मार्च 2024 तक जारी रहेगी और बिक्री हर हफ्ते ई-नीलामी के जरिए होगी.’
जब चोपड़ा से यह पूछा गया कि क्या सरकार चावल की बिक्री बढ़ाने के लिए ओएमएसएस (OMSS) नीति में बदलाव करने की योजना बना रही है. इस पर खाद्य सचिव ने कहा, ‘सरकार के पास ऑप्शन है और वह अगले कुछ दौर में जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल करेगी. हम इंतजार करेंगे और देखेंगे. सरकार बदलावों के लिए तैयार है.’