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ITR: टैक्स बचाने के चक्कर में मत करना ये भूल, नए सॉफ्टवेयर से फर्जी रसीदों की पहचान, IT विभाग थमा रहा नोटिस

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आईटीआर फाइलिंग में फर्जी दस्तावेजों की जांच के लिए इनकम टैक्स विभाग अब एक सॉफ्टवेयर का सहारा ले रहा है.

ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है और अब आईटीआर फाइल करने के लिए टैक्सपेयर्स के पास सिर्फ 1 सप्ताह का समय बचा है, क्योंकि 31 जुलाई लास्ट डेट है. अगर आपने अब तक आईटीआर फाइल नहीं किया है तो तुरंत यह काम पूरा करें. लेकिन, एक बात का खास ख्याल रखें कि फाइलिंग के दौरान किसी तरह के फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल ना करें. दरअसल अक्सर लोग टैक्स बचाने के चक्कर में ऐसा करते हैं. मकान किराये की फर्जी रसीद, होम लोन के लिए अतिरिक्त क्लेम और डोनेशन को लेकर फर्जी दावे करते हैं.

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कुछ कर सलाहकार भी टैक्सपेयर्स को आयकर बचाने के लिए ऐसी गलत सलाह देते हैं. लेकिन, ये गलती आपको मुश्किल में डाल सकती है, खासतौर पर नौकरीपेशा लोगों को. दरअसल आयकर विभाग आईटीआर फाइलिंग में फर्जी दस्तावेजों की जांच के लिए अब एक सॉफ्टवेयर का सहारा ले रहा है. इसकी मदद से उन आयकर दाताओं को पकड़ना आसाना हो जाएगा, जिन्होंने आईटीआर में फर्जी दस्तावेज जमा किए हैं.

आयकर विभाग भेज रहा नोटिस
टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने इन करदाताओं को नोटिस भेजकर कर छूट का दावा करने के लिए दस्तावेजी साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा. ये नोटिस वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए धारा 10 (13A) के तहत मकान किराया भत्ते के तहत छूट के लिए दिए गए हैं. आधिकारिक कर्तव्यों को पूरा करने के लिए एक सहायक को काम पर रखने के लिए धारा 10 (14) के तहत भत्ता या होम लोन पर भुगतान किए गए ब्याज के लिए आईटी अधिनियम की धारा 24 (b) के तहत कटौती के लिए है.

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इनकम टैक्स विभाग करदाताओं के द्वारा दिए गए दान के दावों की भी जांच कर रहा है. धार्मिक संस्थाओं को दिए गए दान के आंकड़ों का मिलान किया जा रहा है. इस साल अप्रैल में भी दान के नाम पर फर्जी जानकारी देने वाले 8 हजार करदाताओं को नोटिस जारी किया गया था. पहले आयकर अधिकारियों को चकमा देना आसान था, जबकि वर्तमान में कई लोगों को कठिन समय का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि उनके रिटर्न की जांच राजस्व विभाग ने नए सॉफ़्टवेयर से करेगा.

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