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EPFO: किन कामों के लिए नौकरी के बीच में निकाल सकते हैं पीएफ का पैसा, क्‍या हैं इसकी शर्तें और नियम?

नौकरीपेशा के लिए EPF के तहत हर महीने कटने वाली रकम बहुत मायने रखती है क्‍योंकि इसके जरिए उसका फंड इकट्ठा हो जाता है और सरकार की तरफ से इस पर रिटर्न भी अच्‍छा मिलता है. ईपीएफ की पूरी रकम तो दो ही स्थितियों में निकाली जा सकती है. पहला, कर्मचारी की नौकरी छूट जाए और वो दो महीने तक लगातार बेरोजगार रहे और दूसरा, रिटायरमेंट के बाद. लेकिन अगर आप चाहें तो नौकरी के बीच में पीएफ के फंड आंशिक निकासी भी कर सकते हैं. जानिए इसके लिए क्‍या हैं नियम और शर्तें.

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शादी और पढ़ाई के लिए 

अगर आपकी बहन, बेटी, बेटा या किसी खास परिवारीजन की शादी है या फिर आप अपनी या बच्‍चों की शिक्षा के लिए ईपीएफ से आंशिक निकासी करना चाहते हैं, तो दोनों ही स्थितियों में आपकी 7 वर्ष की नौकरी होना जरूरी है. 7 वर्ष की नौकरी के बाद आप अपने अंशदान की 50 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं.

मकान या जमीन के लिए 

यदि कर्मचारी 5 सालों तक निरंतर सेवा में है, तो वो घर के निर्माण या खरीद या मरम्‍मत के लिए राशि निकाल सकता है. लेकिन ये रकम एक नियम के अनुसार एक निश्चित सीमा तक ही निकाली जा सकती है. घर के लिए जमीन खरीदने के लिए आप अपने मासिक वेतन के 24 गुना तक और घर खरीदने या बनवाने के लिए, अपने मासिक वेतन का 36 गुना तक की रकम निकासी कर सकते हैं.

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मेडिकल उपचार के लिए 

गंभीर बीमारी के इलाज, काम के दौरान किसी हादसे में स्थायी रूप से विकलांग होने पर, कंपनी के बंद हो जाने पर आदि इस तरह की आपात स्थिति में कोई शर्त नहीं है. आप कभी भी ईपीएफ अकाउंट से पैसा निकाल सकते हैं

कंपनी के 15 दिन से ज्यादा बंद रहने पर कर्मचारी ईपीएफ के तौर पर जमा अपने हिस्‍से का पूरा पैसा कभी भी निकाल सकता है.अगर आपकी नौकरी छूट गई है या आपने छोड़ दी है और एक महीने बाद ही आप फंड की निकासी करना चाहते हैं; तो आप 75 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं.  बकाया राशि को नए रोजगार मिलने पर आपके नए EPF खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. लेकिन दो महीने लगातार बेरोजगार रहने पर आप पीएफ की पूरी रकम निकाल सकते हैं.

कब पड़ती है फॉर्म 31 और 19 की जरूरत

नौकरी के दौरान पैसों से जुड़ी जरूरत को पूरा करने के लिए जब आप अपने पीएफ बैलेंस का कुछ हिस्सा या Advance PF निकालते हैं, तब आपको पीएफ निकासी फॉर्म 31 की जरूरत पड़ती है. इसे ईपीएफ क्‍लेम फॉर्म 31 (EPF Claim Form 31) भी कहा जाता है.

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वहीं जब आपको ईपीएफ के पूरे फंड की निकासी करनी होती है तो आप पीएफ निकासी फॉर्म 19 का इस्‍तेमाल करते हैं. इसे  ईपीएफ क्‍लेम फॉर्म 19 (EPF Claim Form 19) भी कहा जाता है.

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