प्रोफसर पॉल हंटर ने कहा कि कोविड का नया वेरिएंट पिछले की तुलना में 20.5% अधिक तेजी से फैल रहा है. उन्होंने बताया कि हाल में रिलीज हुई फिल्म बार्बी और ओपनहाइमर को देखने सिनेमा हॉल में जा रहे लोगों में ये वेरिएंट तेजी से फैलने का खतरा है. इसे बार्बेनहाइमर इफेक्ट भी कहा जा रहा है. इसके अलावा खराब मौसम को भी इसके संक्रमण दर बढ़ने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है.
ये भी पढ़ें– अब टैबलेट से होगा कैंसर का इलाज! शोधकर्ताओं को मिली बड़ी सफलता, ऐसे करेगी काम
लंदन: ब्रिटेन में कोविड का नया वेरिएंट मिला है. हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि पैनिक होने की जरूरत नहीं है. वहीं, ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) के अधिकारियों ने इसके बारे में चिंता जाहिर की है. उनका कहना है कि मई के बाद से नए वेरिएंट के सात मामले देखे गए हैं. वहीं, इससे संक्रमित होने वाले लोगों के केस बढ़ने लगे हैं. चिंता ये है कि देश नई लहर के चपेट में आने वाला है. इस नए वेरिएंट का नाम E.G.5.1 है, जिसके बारे में माना जा रहा है कि ये ब्रिटेन में तबाही मचाने वाला है. पहले इस वेरिएंट को एरिस कहते थे.
ये भी पढ़ें– डोनाल्ड ट्रम्प की बढ़ीं मुश्किलें, 2020 चुनाव पलटने के मामले में बनाए गए मुख्य आरोपी, अदालत में पेश होने के आदेश
हालांकि, शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक नया कोविड वेरिएंट पुराने से ज्यादा खतरनाक होने का कोई लक्षण नहीं है. अधिकारी इसकी काफी बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. वहीं, एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस नए स्ट्रेन के फैलने में बार्बेनहाइमर इफेक्ट भी है (बार्बेनहाइमर शब्द नई रिलीज फिल्म ओपनहाइमर और बार्बी से लिए गए हैं). इसके अलावा इसके फैलने में हाल के खराब मौसम और लोगों की कमजोर प्रतिरक्षा है.
वहीं, रीडिंग यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. साइमन क्लार्क ने कहा, ‘कोविड में लगातार बदलाव और अनुकूलन जारी रहेगा. इसलिए हमें इसके नए वेरिएंट के आने से डरने और चिंता करने की जरूरत नहीं है. वैक्सीनेशन इससे लोगों को प्रतिरक्षा प्रदान कर रही है. हालांकि संक्रमण की संख्या बढ़ती और घटती रह सकती है, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने और मौत का डर लोगों में कम होता जा रहा है.’
वहीं, प्रोफसर पॉल हंटर ने कहा कि कोविड का नया वेरिएंट पिछले की तुलना में 20.5% अधिक तेजी से फैल रहा है. प्रोफसर पॉल हंटर ने बताया कि हाल में रिलीज हुई फिल्म बार्बी और ओपनहाइमर को देखने सिनेमा हॉल में जा रहे लोगों में ये वेरिएंट तेजी से फैलने का खतरा है. इसे बार्बेनहाइमर इफेक्ट भी कहा जा रहा है. इसके अलावा खराब मौसम को भी इसके संक्रमण दर बढ़ने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है.