नई दिल्ली: सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर के आयात पर पाबंदी को तीन महीने के लिए टाल दिया है। अब यह बैन एक नवंबर से लागू होगा। इससे विश्वसनीय हार्डवेयर और सिस्टम सुनिश्चित होगा, इम्पोर्ट पर निर्भरता को कम होगी और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
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साथ ही इससे चीन के साथ भारत के व्यापार घाटे को पाटने में मदद मिलेगी। भारत के इस कदम से सबसे ज्यादा नुकसान चीन को होगा। भारत सालाना करीब 10 अरब डॉलर के पर्सनल कंप्यूटर्स और टैबलेट का आयात करता है। इनमें चीन की हिस्सेदारी आधी है। यानी भारत हर साल चीन से करीब पांच अरब डॉलर के ऐसे प्रॉडक्ट्स मंगाता है। भारत का सबसे ज्यादा व्यापार घाटा चीन के साथ ही है। पिछले साल यह 100 अरब डॉलर के ऊपर चला गया था।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच जून 2020 में एलएसी पर झड़प हुई थी। तबसे दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आई है। इसके बाद भारत सरकार ने पिछले तीन साल में चीन की कंपनियों के निवेश प्रोजेक्ट्स को रद्द कर दिया है। हाल में चीन की इलेक्ट्रिक कार कंपनी बीवाईडी के एक अरब डॉलर के निवेश को खारिज कर दिया गया था। लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर के आयात पर पाबंदी को भी चीन के साथ व्यापार घाटा कम करने की दिशा में उठाया गया एक कदम माना जा रहा है। यहां हम आपके उन पांच झटकों के बारे में बता रहे हैं जो भारत ने हाल में चीन को दिए हैं।
बीवाईडी का प्लान
इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली चीन की दिग्गज कंपनी बीवाईडी (BYD) ने भारत में एक अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई थी। बीवाईडी ने हैदराबाद की कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ साझेदारी करके भारत में एक प्लांट लगाना चाहती थी। लेकिन अब कंपनी के इस प्लान पर पानी फिर गया है। केंद्र की मोदी सरकार ने चीन की इलेक्ट्रिक कार कंपनी बीवाईडी के प्रस्ताव को पिछले महीने खारिज कर दिया। इसके पीछे की वजह सुरक्षा बताई जा रही है।
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ग्रेट वॉल मोटर का प्लान
चीन की एक और ऑटो कंपनी ग्रेट वॉल मोटर ने भी भारत में एक अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी। कंपनी ने भारत में बाकायदा कर्मचारियों की भी भर्ती शुरू कर दी थी। लेकिन इस कंपनी के प्लान को भी भारत सरकार ने पिछले साल ठंडे बस्ते में डाल दिया। कंपनी ने इसके बाद भारत में अपने सभी कर्मचारियों को निकाल दिया।
श्याओमी एसेट फ्रीज
मोबाइल फोन बनाने वाली चीन की कई कंपनियों के खिलाफ मल्टी एजेंसी जांच चल रही है। पिछले साल शाओमी के 67 करोड़ डॉलर के बैंक एसेट को फ्रीज कर दिया गया था। कंपनी पर आरोप है कि उसने रॉयल्टी के नाम पर विदेशी कंपनियों को अवैध तरीके से पैसा भेजा। हालांकि कंपनी ने इन आरोपों का खंडन किया है।
मोबाइल ऐप्स पर बैन
भारत ने चीन के करीब 300 मोबाइल ऐप पर बैन लगा रखा है। डेटा और प्राइवेसी को देखते हुए यह बैन लगाया गया है। इनमें कई लोकप्रिय ऐप भी हैं। चीन इन ऐप्स के जरिए बड़ी साजिश रचने की फिराक में लगा था। भारत में इन ऐप को ऑपरेट करने के लिए भारतीयों को काम पर रखा गया था और कंपनी में निदेशक बनाया गया था।
निवेश के नए नियम
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2020 में भारत सरकार ने पड़ोसी देशों की कंपनियों से आने वाले निवेश की जांच का दायरा बढ़ाने का फैसला किया था। खासकर चीन की कंपनियों के टेकओवर और इन्वेस्टमेंट पर अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाया गया था। इन देशों के निवेश के लिए सरकार से मंजूरी को अनिवार्य कर दिया गया था। इससे चीन की कंपनियों को अरबों डॉलर के इन्वेस्टमेंट अटके पड़े हैं।