India GDP Data Update : भारत ने अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर जबरदस्त सफलता हासिल की है. 2023-24 की पहली तिमाही के जीडीपी ग्रोथ आंकड़ों ने सभी इकनॉमिस्ट और रेटिंग एजेंसियों के कयासों को पीछे छोड़ दिया है.
नई दिल्ली. अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार और देशवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. भारत की जीडीपी (India GDP) ने सभी एक्सपर्ट और रेटिंग एजेंसियों के अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए अप्रैल-जून में 4 तिमाहियों की सबसे तेज ग्रोथ दर्ज की है. सरकार की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों में चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में भारत ने 7.8 फीसदी की तगड़ी विकास दर हासिल की है.
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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने गुरुवार शाम 5.30 बजे जीडीपी के आंकड़े जारी कर बताया कि 2023-24 की पहली तिमाही अप्रैल-जून (April-June) में विकास दर 7.8 फीसदी रही है. यह 4 तिमाहियों में सबसे ज्यादा विकास दर रही है. ज्यादातर इकनॉमिस्ट ने 7.7 फीसदी तक ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था. इससे पहले अप्रैल-जून 2022 में जीडीपी की विकास दर 13.1 फीसदी थी. इसके बाद की 3 तिमाहियों में ग्रोथ रेट कभी इतनी ऊपर नहीं गई. जनवरी-मार्च 2023 में विकास दर सिर्फ 6.1 फीसदी रही है.
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कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग ने दिखाया दम
भारत की ग्रोथ स्टोरी कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने मिलकर लिखी है. महंगाई के भीषण दबाव के बावजूद उपभोक्ता खपत ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को जबरदस्त रूप से सहारा दिया. अप्रैल-जून तिमाही में निर्माण क्षेत्र की ग्रोथ रेट 7.9 फीसदी रही, जो जनवरी-मार्च में 10.4 फीसदी और पिछले साल अप्रैल-जून में 16 फीसदी थी. इसी तरह, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 4.7 फीसदी रही, जो जनवरी-मार्च तिमाही में 4.5 फीसदी और पिछले साल अप्रैल-जून में 6.1 फीसदी थी.
कृषि क्षेत्र ने भी मजबूती
खराब मौसम और बारिश की मार के बावजूद भारतीय कृषि क्षेत्र ने वित्तवर्ष की पहली तिमाही में मजबूत ग्रोथ दर्ज की है. अप्रैल-जून तिमाही में एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ 3.5 फीसदी रही, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 2.4 फीसदी थी. जनवरी-मार्च तिमाही में भी एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी रही थी.
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निजी खपत भी बढ़ी, लेकिन सरकार का खर्चा घटा
जीडीपी की मजबूत ग्रोथ रेट को संभालने का काम देश के उपभोक्ताओं ने किया है. अप्रैल-जून तिमाही में निजी खपत की वृद्धि दर 6 फीसदी रही है. जनवरी-मार्च तिमाही में निजी खपत की दर 2.8 फीसदी रही थी, जबकि अप्रैल-जून तिमाही 2022 में यह 19.8 फीसदी रही थी. इस साल अप्रैल-जून में सरकार का खर्च शून्य से भी 0.7 फीसदी नीचे चला गया है, जो जनवरी-मार्च तिमाही में 2.3 फीसदी और अप्रैल-जून, 2022 में 1.8 फीसदी रहा है.