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Chandrayaan-3 की लॉन्चिंग को अपनी आवाज देने वाली ISRO वैज्ञानिक Valarmathi का निधन

Breaking News: इसरो की वैज्ञानिक वलारमथी (Valarmathi) का हार्ट अटैक के कारण रविवार शाम निधन हो गया है. उन्होनें चंद्रयान-3 मिशन लॉन्चिंग में अपनी अनूठी आवाज़ से घोषणाएं की थी.

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कुछ मशहूर हस्तियों, राजनेताओं, स्टार्स और खेल हस्तियों की आवाज़ हमारे दिमाग में जिंदगी भर के लिए रह जाती हैं. ऐसी ही एक आवाज़ आज फीकी पड़ गई. दरअसल, भारत के मून मिशन यानी चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली इसरो की वैज्ञानिक वलारमथी (Valarmathi) का कार्डियक अरेस्ट/ हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया. वलारमथी जिन्होंने चंद्रयान-3 मिशन लॉन्चिंग में अपनी अनूठी आवाज़ से घोषणाएं की वह रविवार शाम दुनिया को अलविदा कह गई.

कुछ समय से चल रही बीमार

बता दें वलारमथी इसरो की प्री-लॉन्च उलटी गिनती घोषणाओं के पीछे की आवाज थीं. उन्होंने आखिरी घोषणा 30 जुलाई को की थी, जब पीएसएलवी-सी56 रॉकेट एक समर्पित वाणिज्यिक मिशन के हिस्से के रूप में 7 सिंगापुरी उपग्रहों को लेकर रवाना हुआ था. मिली जानकारी के अनुसार, वलारमथी सतीश धवन स्पेस सेंटर में रेंज ऑपरेशंस प्रोग्राम कार्यालय के हिस्से के रूप में, पिछले छह सालों से सभी लॉन्चों के लिए उलटी गिनती की घोषणाएं कर रही थीं. वलारमथी पिछले कुछ समय से बीमार थीं, उन्होनें पचास की उम्र में चेन्नई के एक निजी अस्पताल में आखिरी सांसे ली.

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Chandrayaan-3 ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास

मालूम हो चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था. 23 अगस्त को, चंद्रयान -3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) – जिसमें विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर शामिल थे – चंद्रमा की सतह पर उतरा, जिससे यह उपलब्धि हासिल करने वाला केवल चौथा देश बन गया. लैंडिंग ने देश को पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना दिया.

स्लीप मोड में गया विक्रम लैंडर

इस बीच, इसरो ने शनिवार को कहा कि चंद्रमा पर प्रज्ञान रोवर को निष्क्रिय कर दिया गया है. अंतरिक्ष एजेंसी को उम्मीद है कि वह 14 दिन बाद इसे जगा देगी. रोवर दो पेलोड, अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) और लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) से लैस है.

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लैंडर के माध्यम से पृथ्वी पर डेटा संचारित करने वाले पेलोड बंद कर दिए गए हैं. प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर बहुमूल्य वैज्ञानिक डेटा इकट्ठा करने के लिए मिलकर काम कर रहे थे. APXS और LIBS पेलोड को चंद्र मिट्टी और चट्टानों की मौलिक और खनिज संरचना का विश्लेषण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

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