हल्दीराम की कम से कम 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स बातचीत कर रहा है. हालांकि सबसे बड़ी अड़चन इसमें हल्दीराम के वैल्यूएशन को लेकर आ रही है.
नई दिल्ली. चाय-नाश्ते में नमकीन का जिक्र होता है और एक ब्रांड का नाम सबकी जुबां पर रहता है, वो हल्दीराम (Haldiram) है. स्नैक की दिग्गज भारतीय कंपनी हल्दीराम (Halidram) अब बिकने को तैयार है. न्यूज एजेंसी रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Tata Consumer Product) इसे खरीद सकती है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दोनों कंपनियों के बीच बातचीत जारी है.
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1 हजार करोड़ डॉलर का वैल्यूएशन लगा रही है कंपनी
हल्दीराम की कम से कम 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स बातचीत कर रहा है. हालांकि सबसे बड़ी अड़चन इसमें हल्दीराम के वैल्यूएशन को लेकर आ रही है. हल्दीराम इसके लिए 1 हजार करोड़ डॉलर का वैल्यूएशन लगा रही है जिससे टाटा ग्रुप सहमत नहीं है.
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प्राइवेट इक्विटी फर्म से भी हो रही हल्दीराम की बातचीत
एक ओर हल्दीराम और टाटा ग्रुप के बातचीत चल रही है. दूसरी ओर हल्दीराम अपनी 10 फीसदी की बिक्री के लिए बेन कैपिटल समेत कुछ प्राइवेट इक्विटी फर्म से बातचीत कर रही है. इस मामले में टाटा कंज्यूमर के प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया कि बाजार के अनुमानों पर कंपनी जवाब नहीं देती है. वहीं वहीं हल्दीराम के सीईओ कृष्ण कुमार चुटानी और प्राइवेट इक्विटी फर्म बेन कैपिटल ने भी कुछ कहने से मना कर दिया है.
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साल 1937 में हुई थी हल्दीराम की शुरुआत
गौरतलब है कि हल्दीराम की शुरुआत 1937 में एक छोटी सी दुकान से हुई है. यह अपने कुरकुरे ‘भुजिया’ स्नैक के लिए प्रसिद्ध है जिसकी बिक्री गली-नुक्कड़ के दुकानों पर 10 रुपये के पैक में भी होती है. यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के मुताबिक भारत में नमकीन स्नैक मार्केट करीब 620 करोड़ डॉलर का है और इसमें हल्दीराम की लगभग 13 फीसदी हिस्सेदारी है.