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Powering Progress: भारत में क्यों बढ़ती जा रही है बिजली की मांग, यहां जानें वजह?

Surge In Electric Demand: जैसे-जैसे राष्ट्र विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है, उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि एनर्जी का बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर इस मांग के साथ तालमेल बनाए रखे.

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India’s Surging Power Demand: भारत विविधताओं से भरा देश है. यहां की संस्कृतियां अलग-अलग हैं. भारत की पहचान समृद्ध विरासत और तेजी से होने वाले इकोनॉमिक डेवलपमेंट (Economic Development) से बनने लगी है. भारत में इस समय बिजली की मांग बढ़ती जा रही है. जैसे-जैसे देश में मॉडर्नाइजेशन, इंडस्ट्रियलाइजेशन बढ़ता जा रहा है और यहां के नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है, तो बिजली की मांग भी साथ-साथ बढ़ती जा रही है.

आइए, यहां पर समझते हैं कि भारत में बिजली की मांग बढ़ने के क्या कारण हैं?

पॉपुलेशन ग्रोथ और शहरीकरण

भारत की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, अनुमानों के आधार पर माना जाए तो इस समय भारत की जनसंख्या लगभग 135-140 करोड़ के आसपास है. भारत में शहरीकरण (Urbanization) बहुत तेजी से हो रहा है. ज्यादातर लोग ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन कर रहे हैं. एयर कंडीशनिंग, इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स और अलग-अलग तरह के दूसरे साधन ज्यादा पॉवर की मांग करते हैं. इन बढ़ती सुविधाओं से शहरी जीवन आमतौर पर अधिक बिजली की खपत की मांग करता है.

इंडस्ट्रियलाइजेशन और इकोनॉमिक डेवलपमेंट

भारत की आर्थिक वृद्धि के कारण इंडस्ट्रियलाइजेशन में वृद्धि हुई है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और सर्विस इंडस्ट्री फल-फूल रहे हैं. इन सेक्टर्स में मैन्युफैक्चरिंग प्रॉसेसेज, डेटा सेंटर्स और ऑफिस ऑपरेशन के लिए एनर्जी की मांग काफी अधिक है. जैसे-जैसे इंडस्ट्रीज का विस्तार होता है, वैसे-वैसे उनकी बिजली की आवश्यकता भी बढ़ती है.

बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का डेवलपमेंट

बढ़ती आबादी और अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए भारत बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में भारी निवेश कर रहा है. इसमें नए शहरों, हवाई अड्डों, राजमार्गों और बहुत कुछ का निर्माण शामिल है. बेसिक इन्फ्रास्ट्र्क्चर प्रोजेक्ट्स अक्सर मैन्युफैक्चरिंग और लॉन्ग-टर्म ऑपरेशन के लिए बिजली पर निर्भर होती हैं, जिससे मांग बढ़ती है.

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रीन्यूएबल एनर्जी इनिशिएटिव्स

भारत रीन्यूएबल एनर्जी, खासकरके सोलर और विंड पॉवर के सेक्टर में सराहनीय प्रगति कर रहा है. हालांकि, यह बिजली की मांग में बढ़ोतरी के उलट लग सकता है, लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि जैसे-जैसे रीन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी बढ़ती है, बिजली की मांग भी साथ-साथ बढ़ती है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि रीन्यूएबल सोर्स रुक-रुक कर हो सकते हैं, और स्थिर ग्रिड बनाए रखने के लिए बैकअप पावर सोर्सेज की जरूरत होती है.

इलेक्ट्रिफिकेशन ऑफ ट्रांसपोर्टेशन

भारत कार्बन उत्सर्जन को कम करने और प्रदूषण से निपटने के लिए धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की ओर बढ़ रहा है. चार्जिंग बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के साथ-साथ ईवी की ओर बदलाव से बिजली की खपत में वृद्धि होगी.

एनर्जी रीच और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन

भारत सरकार ने ग्रामीण सेक्टरों तक बिजली पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं. जैसे-जैसे अधिक दूरदराज के सेक्टरों का विद्युतीकरण (Electrification) हो रहा है, बिजली की कुल मांग में वृद्धि जारी है.

टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट

स्मार्ट शहरों से लेकर इंडस्ट्री तक अलग-अलग सेक्टरों में टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए पर्याप्त बिजली की आवश्यकता होती है. स्मार्ट ग्रिड, ऑटोमेशन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) अधिक प्रचलित हो रहे हैं, जिससे बिजली का बोझ बढ़ता जा रहा है.

क्लाईमेट चेंज और इन्वॉयर्नमेंटल कांसर्न्स

जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं, जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels) से दूर जाने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (Emissions) को कम करने का दबाव बढ़ रहा है. इस बदलाव में अक्सर स्वच्छ और अधिक ऊर्जा-एफिशिएंट टेक्नोलॉजीज की ओर कदम बढ़ाया जाता है जो बिजली की मांग को बढ़ा सकते हैं.

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गौरतलब है कि भारत में बढ़ती बिजली की मांग इसकी प्रगति, विकास और आकांक्षाओं के बारे में जानकारी देता है. जैसे-जैसे राष्ट्र विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है, उसे यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसका ऊर्जा बेसिक इन्फ्रा इस मांग के साथ तालमेल बनाए रखे. इस विकास को टिकाऊ ऊर्जा प्रथाओं के साथ संतुलित करना आने वाले वर्षों में एक महत्वपूर्ण चुनौती होगी, लेकिन यह एक ऐसी चुनौती है जिसे भारत रीन्यूएबल एनर्जी अपनाने, ऊर्जा एफिशिएंसी उपायों और न्यू पॉलिसीज इनिशिएटिव्स के एडजस्टमेंट से एक्टिव रूप से एड्रेस कर रहा है.

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