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कार इंश्‍योरेंस प्रीमियम कम करने की ये हैं 5 ‘निंजा’ ट्रिक्‍स, खूब बचेगा पैसा, पड़ोसी आपको मानेंगे बीमा गुरु

Save Money-कार इंश्‍योरेंस प्रीमियम (car insurance premium) हम कम कर सकते हैं अगर पॉलिसी लेते या रिन्‍यू कराते वक्‍त और उससे पहले कुछ बातों का ध्‍यान रखें.

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Save Money on Car Insurance- कार या कोई अन्‍य गाड़ी रखने पर हर साल कई तरह के खर्चे होते हैं. इन खर्चों में गाड़ी के बीमा की किस्‍तों (Insurance Premium) का खर्च भी शामिल है. अगर आपके पास महंगी गाड़ी है तो बीमा की किस्‍तें भरने पर भी आपको अच्‍छा खासा खर्च करना होगा. इंश्‍यारेंस अब अनिवार्य है. बीमा होने पर दुघर्टना आदि में गाड़ी को हुए नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करती है. वाहन से किसी को चोट लगने या मृत्‍यु होने पर उस व्‍यक्ति या आश्रितों को बीमा क्‍लेम भी इंश्‍योरेंस कंपनी ही देती है. इंश्‍योरेंस प्रीमियम को कम करने के भी कुछ नुस्‍खे (Tips to Save Money on Car Insurance) हैं. अगर आप इनका इस्‍तेमाल करते हैं तो अच्‍छा-खासा पैसा बचा सकते हैं.

कार की बीमा पॉलिसी खरीदते या उसे रिन्‍यू कराते वक्‍त आपको कुछ सावधानियां बरतने की आवश्‍यकता पैसे बचाने के लिए है. यह काम लापरवाही से करने का नहीं है. गलत पॉलिसी को चुनने से प्रीमियम तो ज्‍यादा चुकाने पड़े और सुविधाएं कम मिलती है. साथ इंश्‍योरेंस क्‍लेम लेते वक्‍त भी बरती गई सावधानी भी प्रीमियम पर असर डाल सकती है. आइये, जानते हैं इंश्‍योरेंस पॉलिसी लेते या रिन्‍यू कराते वक्‍त कौन-कौन सी ट्रिक्‍स आजमाकर हम पैसा बचा सकते हैं.

खूब करें पूछ-परख
कार इंश्‍योरेंस आपकी जेब पर कम बोझ तभी डालेगा जब आप इंश्‍योरेंस पॉलिसी लेने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करेंगे. ऐसा आप घर बैठे कर सकते हैं. इंटरनेट पर आजकल बहुत से ऐसे प्‍लेटफार्म हैं, जो विभिन्‍न कंपनियों की बीमा पॉलिसी का तुलनात्‍मक अध्‍ययन करते हैं. आपकी जरूरतों के मुताबिक सबसे सस्‍ता प्‍लान चुनने में ये मददगार है. आप ऑनलाइन भी इंश्‍योरेंस पॉलिसी (car insurance online) ले सकते हैं.

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कवरेज का समझ लें फंडा
कार इंश्योरेंस में दो भाग होते हैं. थर्ड पार्टी डैमेज और सेल्फ डैमेज. थर्ड पार्टी कवर लेना अनिवार्य है. सेल्फ इंश्योरेंस कवर स्‍वैच्छिक है. सेल्‍फ कवर में गाड़ी व चालक को दुर्घटना में हुआ नुकसान, आग से हुई हानि और जलभराव आदि से हुई कई तरह की हानियां शामिल होती हैं.

मतलब, उपरोक्‍त परिस्थितियों में कार और कार मालिक को नुकसान होता है तो इंश्‍योरंस कंपनी उसकी भरपाई करेगी. सेल्‍फ बीमा कवर ध्‍यान से चुनना चाहिए. इसमें बहुत से ऐड ऑन होते हैं. जितने ज्‍यादा एड ऑन, उतना ज्‍यादा प्रीमियम. जिनकी आपको जरूरत न हो वे ऐड ऑन न लें. इससे प्रीमियम कम हो जाएगा.

पे एज यू ड्राइव
उपयोग-आधारित या टेलीमैटिक्स कार बीमा घरेलू बाजार में नया कॉन्सेप्ट है. लेकिन यह धीरे-धीरे लोकप्रिय होता जा रहा है. परंपरागत रूप से मोटर बीमा कार के मेक और मॉडल द्वारा निर्धारित किया जाता है, न कि ग्राहक के ड्राइविंग पैटर्न से. इसके उलट ‘पे एज यू ड्राइव” मॉडल कार के ड्राइविंग व्यवहार और इसके यूज पर जोर देता है, यानी कार द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर. वाहन द्वारा तय की जा रही दूरी के आधार पर प्रीमियम की गणना के हिसाब से प्रीमियम की लागत कम करने में मदद मिलती है और आप सामान्य प्रीमियम से काफी कम भुगतान करते हैं. यदि आप कार कम चलाते हैं तो बेहतर, ‘पे एज यू ड्राइव” मॉडल आपके लिए बेस्‍ट है.

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छोटा क्‍लेम लेने से बचें
जब साल भर में कोई बीमा क्‍लेम नहीं किया जाता है तो बीमा कंपनी ‘नो क्लेम बोनस” (NCB) देती है. इससे अगले साल के लिए बीमा पॉलिसी प्रीमियम में 20 से 50 फीसदी तक की छूट मिलती है. अगर आपने कई वर्षों तक NCB का फायदा उठाया है और नई कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो NCB को ट्रांसफर किया जा सकता है. इसलिए गाड़ी को हुए नुकसान का क्‍लेम नहीं लेना चाहिए.

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