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बिज़नेस

Byju Crisis: कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए अपना घर तक रख दिया गिरवी, ऐसे खराब हुई कंपनी की हालत

नई दिल्ली: एडटेक कंपनी बायजू (Byju) अभी मुश्किलों के दौर से गुजर रही है। कंपनी की आर्थिक हालत खराब हो चुकी है। हाल ये है कि कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए अब कंपनी के पास पैसे नहीं बचे हैं। देश की दिग्गज इस एडटेक कंपनी नुकसान में जा रही है। हालांकि, कंपनी को इस संकट से निकालने के लिए बायजू के फाउंडर ने बड़ा कदम उठाया है। कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने एक मिसाल कायम की है। रवींद्रन (Byju Ravindran) ने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए अपना घर और यहां तक की परिवार के सदस्यों के घर को भी गिरवी रख दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 12 मिलियन डॉलर यानी लगभग 100 करोड़ रुपये का लोन लेने के लिए बायजू फाउंडर ने अपने घरों को गिरवी रखा है। रवींद्रन ने भावुक कदम उठाते हुए इस तरह से पैसा इकठ्ठा किया और कर्मचारियों को सैलरी देना शुरू किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी के करीब 15 हजार कर्मचारियों को सैलरी दे दी गई है।

कंपनी की हालत खराब

बता दें कि एक समय ऐसा था जब बायजू को देश का सबसे मूल्यवान टेक स्टार्टअप बताया गया था। अब कंपनी की आर्थिक हालत खराब है। कंपनी ने पैसों की किल्लत को दूर करने के लिए अपने अमरीका स्थित डिजिटल रीडिंग प्लेटफॉर्म को 400 मिलियन डॉलर में बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह संकट तब शुरू हुआ, जब बायजू 1.2 बिलियन डॉलर के के टर्म लोन की ईएमआई चुकाने में असफल रही थी। हालांकि, बायजू फाउंडर के घरों को गिरवी रखकर पैसा जमा करने के बारे में अभी कंपनी या रविंद्रन के ऑफिस ने खुलकर कुछ नहीं बताया है। स्टार्टअप ने सोमवार को यह पैसा बायजू की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Think and Learn Private Limited) को सौंप दिया था, जिससे सैलरी बांटी जा सकी। रविंद्रन कंपनी को बचाने के लिए पूरी कोशिश में लगे हुए हैं।

इस तरह से जुटाई रकम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एजुकेशन सेक्टर की दिग्गज कंपनी बायजू इस समय भयंकर कैश संकट का सामना कर रही है। कंपनी के फाउंडर बायजू रविंद्रन ने अपने बेंगलुरु स्थित दो घर और एक निर्माणाधीन विला को गिरवी रखकर 12 मिलियन डॉलर की रकम जुटाई है। बता दें कि रविंद्रन की नेटवर्थ करीब 5 बिलियन डॉलर आंकी गई थी। वह व्यक्तिगत स्तर पर 400 मिलियन डॉलर का कर्ज ले चुके हैं। इसके लिए उन्होंने कंपनी में अपने सारे शेयर दांव पर लगा दिए हैं। अब उनके पास कैश नहीं बचा है।

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