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LPG सिलेंडर से हो जाए हादसा तो मिलता है बीमा, क्‍लेम लेना भी बेहद आसान, पर लेने आते हैं विरले ही लोग

Lpg Insurance Policy: घरेलू गैस सिलेंडर का कनेक्‍शन लेने के साथ ही बीमा हो जाता है. इसके लिए एलपीजी उपभोक्‍ता को कोई प्रीमियम भी नहीं चुकाना होता है.

नई दिल्‍ली. देश में अब घर-घर एलपीजी सिलेंडर (LPG Cylinder) हो गए हैं. केंद्र सरकार की उज्‍ज्‍वला योजना से एलपीजी सिलेंडर की पहुंच गरीब लोगों की रसोई तक भी हो गई है. इसके साथ ही अब एलपीजी सिलेंडर से होने वाले हादसों में भी इजाफा हो गया है. केंद्रीय पेट्रोलियम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने कुछ दिन पहले ही संसद में बताया था कि देश में पिछले 5 सालों में 4082 दुर्घटनाएं एलपीजी गैस सिलेंडर की वजह से हुई. यानी औसतन हर साल 816 हादसे. गैस सिलेंडर से हुए हादसे में उपभोक्‍ता को हुए जान-माल के नुकसान के लिए बीमा का भी प्रावधान है. लेकिन, जानकारी के अभाव में इक्‍का-दुक्‍का उपभोक्‍ता ही ऑयल मार्केटिंग कंपनियों से इंश्‍योरेंस क्‍लेम करते हैं.

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ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMCs) पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी फॉर ऑयल इंडस्ट्री के तहत बीमा पॉलिसी लेती हैं. जिसमें सभी एलपीजी कस्टमर, जो ओएमसी के साथ रजिस्टर्ड हैं, वे कवर होते हैं. यह कवर 50 लाख रुपये तक का होता है. इस पॉलिसी में ऑयल मार्केटिंग कंपनियां एलपीजी के चलते होने वाले दुर्घटना से होने वाले नुकसान की बीमा पॉलिसी के जरिए भरपाई करती हैं. इसमें शर्त है कि सिलेंडर जिसके नाम पर है सिर्फ उसी को इंश्योरेंस की राशि मिलती है. इसमें नॉमिनी बनाने का कोई प्रावधान नहीं है.

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कितनी मिलती है राशि?
ग्राहक के घर पर एलपीजी सिलिंडर की वजह से हादसे में हुए जान माल के नुकसान के लिए पर्सनल एक्सीडेंट कवर दिया जाता है. हादसे में ग्राहक की प्रॉपर्टी/घर को नुकसान पहुंचता है तो प्रति एक्सीडेंट 2 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस क्लेम मिलता है. वहीं, मृत्यु होने पर 6 लाख रुपये का कवर मिलता है. हर दुर्घटना पर 30 लाख रुपये के मेडिकल खर्च का प्रावधान है, जिसमें 2 लाख रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से पैसा दिया जाता है. दुर्घटना से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को अधिकतम 10 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दी जा सकती है.

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कैसे मिलेगा क्लेम?
वेबसाइट https://www.mylpg.in/docs/ पर बीमा क्‍लेम करने और तथा एलपीजी इंश्‍योरेंस के नियम और शर्तों को बताया गया है. ग्राहक को बीमा कंपनी में सीधे क्लेम के लिए आवदेन करने या उससे संपर्क करने की जरूरत नहीं होती. ऑयल कंपनी ही आपका क्‍लेम फाइल करके मुआवजा देती है. उपभोक्‍ता को दुर्घटना अपने ड्रिस्ट्रीब्यूटर और नजदीकी पुलिस स्टेशन को हादसे की सूचना देनी होती है. क्लेम के लिए पुलिस स्टेशन में रजिस्टर्ड FIR की कॉपी के साथ मेडिकल की रसीद, हॉस्पिटल का बिल और मृत्‍यु होने की स्थिति में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और डेथ सर्टिफिकेट पेश करना होगा.

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