6G विजन को आगे बढ़ाने के लिए दिग्गज टेक कंपनी नोकिया और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) ने साझेदारी की है। Nokia ने एक बयान में कहा कि यह साझेदारी आर्किटेक्चर सॉफ्टवेयर फ्रेमवर्क और एल्गोरिदम विकसित करेगी। इसमें मुख्य तौर पर कुशल संचार प्रणाली बनाना महत्वपूर्ण संचार और उपयोग के लिए नेटवर्क की फ्लेक्सिबिलिटी और विश्वसनीयता में सुधार करना शामिल है।
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आईएएनएस, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 6G विजन को आगे बढ़ाने के लिए दिग्गज टेक कंपनी नोकिया और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) ने साझेदारी की है। नोकिया और आईआईएससी (IISc) बेंगलुरु में कंपनी की नई 6जी लैब में एक साथ काम मिलकर करेंगे।
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इसमें इनका मकसद अनुसंधान के तीन मुख्य क्षेत्रों के अनुप्रयोगों पर काम करना है। इसमें 6जी रेडियो टेक्नोलॉजी, 6जी आर्किटेक्चर और 6जी एयर इंटरफेस में मशीन लर्निंग शामिल है।
नोकिया ने क्या कहा?
Nokia ने एक बयान में कहा कि यह साझेदारी आर्किटेक्चर, सॉफ्टवेयर फ्रेमवर्क और एल्गोरिदम विकसित करेगी। वैश्विक स्तर पर भारत का महत्व दूरसंचार चरण पर अधिक जोर नहीं दिया जा सकता है। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए भारतीय विज्ञान और शिक्षा जगत के प्रतिभाशाली दिमागों के साथ काम करने पर गर्व है कि 6जी अर्थव्यवस्था के लिए एक शक्ति गुणक है।
इन प्वाइंट्स पर है फोकस
नोकिया के चीफ स्ट्रेटजी और टेक्नोलॉजी ऑफिसर निशांत बत्रा ने कहा कि नोकिया और आईआईएससी (IISc) 6जी उपयोग के मामलों पर ध्यान देंगे जो भारत के लिए विशेष महत्व के क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। इसमें मुख्य तौर पर कुशल संचार प्रणाली बनाना, महत्वपूर्ण संचार और उपयोग के लिए नेटवर्क की फ्लेक्सिबिलिटी और विश्वसनीयता में सुधार करना शामिल है।
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आईआईएससी ने कहा कि हम 6जी प्रौद्योगिकी के डिजाइन, विकास और तैनाती में अग्रणी योगदानकर्ता बनने के भारत के मिशन में योगदान करने का बहुत सम्मान करते हैं।