उत्तराखंड में आज से मौसम के करवट बदलने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार उत्तराखंड में आज से अगले तीन दिन पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय बने रहने की आशंका है। जिसके चलते उत्तरकाशी चमोली रुद्रप्रयाग बागेश्वर और पिथौरागढ़ में चोटियों पर भारी हिमपात और वर्षा हो सकती है। आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। निचले इलाकों में गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि हो सकती है।
जागरण संवाददाता देहरादून। उत्तराखंड में शुष्क मौसम के बीच पारे में भारी उछाल दर्ज किया गया है। पहाड़ से लेकर मैदान तक चटख धूप खिल रही है और अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से चार डिग्री सेल्सियस अधिक पहुंच गया। गुरुवार इस वर्ष का अब तक का सबसे कम ठंडा दिन रहा।
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हालांकि, प्रदेश में आज से मौसम के करवट बदलने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, उत्तराखंड में आज से अगले तीन दिन पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय बने रहने की आशंका है। जिसके चलते उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में चोटियों पर भारी हिमपात और वर्षा हो सकती है।
इसे लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। निचले इलाकों में गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि हो सकती है। देहरादून समेत ज्यादातर मैदानी क्षेत्रों में भारी वर्षा और झोंकेदार हवाएं चलने की चेतावनी है।
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इस वर्ष का अब तक का सबसे गर्म दिन
गुरुवार को प्रदेशभर में चटख धूप खिलने के साथ ही पारे में भारी उछाल आया। देहरादून में इस वर्ष अब तक पहली बार अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस पहुंचा। इसके साथ ही अन्य क्षेत्रों में दिन में पारा चढ़ गया। हालांकि, न्यूनतम तापमान सामान्य या उससे कम है। जिससे अभी सुबह-शाम हल्की ठंड बरकरार है। हालांकि, शुक्रवार को मौसम विभाग ने तापमान में और इजाफा होने की आशंका जताई है।
शहर | अधिकतम | न्यूनतम |
देहरादून | 27.7 | 9.2 |
ऊधम सिंह नगर | 26.4 | 6.2 |
मुक्तेश्वर | 17.4 | 4.4 |
नई टिहरी | 19.0 | 5.2 |
फरवरी में 17 प्रतिशत कम हुई वर्षा, पूरे शीतकाल में सामान्य से आधी वर्षा
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उत्तराखंड में फरवरी में इंद्रदेव कुछ मेहरबान रहे। चोटियों पर हिमपात के साथ ही निचले इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा भी हुई, लेकिन इसके बावजूद पूरे माह सामान्य से 17 प्रतिशत कम वर्षा हुई। वहीं, पूरे जनवरी में मौसम की बेरुखी चरम पर रही थी और वर्षा सामान्य से करीब 99 प्रतिशत कम दर्ज की गई। इसके साथ ही पूरे शीतकाल में अक्टूबर से अब तक भी स्थिति अभी भी चिंताजनक है। शीतकाल में वर्षा सामान्य से करीब 56 प्रतिशत कम है। शुष्क मौसम के बीच तापमान में भी लगातार उतार-चढ़ाव देखा गया। आज से शीतकाल समाप्त माना जाएगा, लेकिन मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मार्च के शुरुआती तीन दिन वर्षा-बर्फबारी के आसार हैं।
शीतकाल में वर्षा की स्थिति |
अक्टूबर में 35 प्रतिशत कम वर्षा |
नवंबर में 43 प्रतिशत कम वर्षा |
दिसंबर में 90 प्रतिशत कम वर्षा |
जनवरी में 99 प्रतिशत कम वर्षा |
फरवरी में 17 प्रतिशत कम वर्षा |
शीतकाल में अब तक 56 प्रतिशत कम |