नई दिल्ली, पीटीआइ। इज़राइल का तटीय महानगर तेल अवीव रहने के लिहाज से दुनिया के सबसे महंगे शहर के रूप में उभरा है। इस शहर के निवासी वर्षों से यह शिकायत करते रहे हैं कि यह शहर बहुत ही महंगा है, क्योंकि रहने के लिए होने वाले खर्च काफी अधिक हैं, जिसमें उनकी तनख्वाह का एक मोटा हिस्सा चला जाता है।अब एक नयी रिपोर्ट ने इन आशंकाओं को सही साबित कर दिया है। इकोनॉमिस्ट पत्रिका से जुड़े शोध समूह इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के अनुसार, तेल अवीव रहने के लिए सबसे महंगे शहर के रूप में उभरा है। पहले पांचवें सबसे महंगे स्थान पर रहने वाले तेल अवीव ने पेरिस और सिंगापुर जैसे अन्य महंगे स्थानों को भी पीछे छोड़ दिया है।
इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में किराना और परिवहन लागत में वृद्धि की ओर भी इशारा किया। इस रिपोर्ट में अभी आवास की कीमतें शामिल नहीं हैं। तेल अवीव के ज्यादा महंगे होने की एक वजह इसका इजरायल का आर्थिक केंद्र होना भी है। ऊंचे वेतन वाली तकनीकी नौकरियां देश भर से प्रतिभाओं को यहां आकर्षित करती हैं जो खानपान के दाम और मकान के किराये को बढ़ा रहे हैं।
इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के सर्वे में महंगे शहरों की लिस्ट में पेरिस, सिंगापुर दूसरे और ज्यूरिख-हॉन्ग कॉन्ग तीसरे नंबर पर हैं। इस सर्वे में दुनिया के 173 शहरों को शामिल किया गया था। ये वो शहर हैं, जहां रहना महंगा माना जाता है। इसे वर्ल्डवाइड कॉस्ट ऑफ लिविंग इंडेक्स के आधार पर तय किया जाता है। देखा जाता है कि अमेरिकी डॉलर की तुलना में वहां की लोकल करंसी की वैल्यू क्या है ।
173 शहरों के इस सर्वे में सबसे निचले पायदान पर सीरिया की राजधानी दमिश्क है। सीरिया पिछले कुछ साल से युद्ध से जूझ रहा है। इसके बाद लीबिया की राजधानी त्रिपोली का नंबर है ।