चीन में कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां सुस्त और अमेरिका में मंदी की आशंकाओं के कारण तांबे की कीमतों (Copper Price) में गिरावट आई है. कॉपर की कीमत अब एमसीएक्स पर अपने हालिया हाई से 20 फीसदी गिरकर करीब 666 रुपये प्रति किलो हो गई है.
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नई दिल्ली. करीब एक साल से बढ़ रही तांबे की कीमतों (Copper Price) में अब नरमी आ गई है. सोमवार को तांबे की कीमतें अपने 17 महीने के निम्नतम स्तर पर आ गई. तांबे की कीमतों में आई इस गिरावट से इलेक्ट्रिक वायर बनाने वाली पॉलीकैब इंडिया (Polycab India), हैवल्स इंडिया (Havells India), फिनोलेक्स केबल्स (Finolex Cables) और केईआई इंडस्ट्रीज (KEI Industries) जैसी कंपनियों को फायदा होगा, क्योंकि इससे इनकी लागत घट जाएगी. बाजार एनालिस्ट्स भी अब इन कंपनियों के शेयरों पर बुलिश है. उनका कहना है कि शार्ट टर्म में ही इलेक्ट्रिक वायर बनाने वाली कंपनियों के शेयर निवेशकों को अच्छा मुनाफा दे सकते हैं.
लाइव मिंट डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, बोनांजा पोर्टफोलियो के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट राजेश सिन्हा का कहना है कि पिछले एक साल से तांबे के भावों में तेजी थी. अप्रैल 2022 में एमएसीएक्स पर तांबा का रेट 840 रुपये प्रति किलो हो गया था. तांबे की कीमतों में तेजी चिल्ली और पेरू जैसे इसके प्रमुख उत्पादक देशों से सप्लाई बाधित होने के कारण आई थी. लेकिन, चीन में कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां सुस्त और अमेरिका में मंदी की आशंकाओं के कारण तांबे की कीमतों में गिरावट आई है. कॉपर की कीमत अब एमसीएक्स पर अपने हालिया हाई से 20 फीसदी गिरकर करीब 666 रुपये प्रति किलो हो गई है.
कॉपर पर सबसे ज्यादा खर्च
सिन्हा का कहना है कि वायर और केबल बनाने वाली कंपनियों को तांबे की कीमतों में गिरावट का काफी फायदा होगा. ये कंपनियां कच्चे माल पर जितना खर्च करती है उसका बहुत बड़ा भाग तांबे पर ही खर्च हो जाता है. पॉलीकैब इंडिया अपने कच्चे माल के कुल खर्च का 56 फीसदी तांबा खरीदने पर खर्च करती है. इसी तरह केईआई इंडस्ट्रीज तांबे पर कच्चे माल के कुल खर्च का 35 फीसदी, हैवल्स 28 फीसदी और फिनोलेक्स 60 फीसदी खर्च करती है. तांबे की कीमत गिरने से कंपनियों का मार्जिन बढ़ेगा.
बढ़ेगा ग्रॉस मार्जिन
स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट पुनीत पाटनी का कहना है कि तांबे की कीमतों कमी से इलेक्ट्रिक वायर मेकर्स को फायदा होगा. कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण इन कंपनियों ने अपने उत्पादों के दाम बढ़ा दिया था. अब तांबे की कीमतों में कमी से शॉर्ट टर्म में इन कंपनियों का ग्रॉस मार्जिन बढ़ जाएगा.
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उछलेंगे शेयर
चॉइस ब्रोकिंग के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सुमित बगडिया ने पॉलीकैब इंडिया और हैवल्स के शेयरों को खरीदने की सलाह देते हुए कहा कि शार्ट टर्म इनवेस्टर को मौके का फायदा उठाते हुए पॉलिकैब और हैवल्स के शेयर खरीदने चाहिए. तांबे की कीमतों में गिरावट का फायदा इन कंपनियों को होगा. बगडिया का कहना है कि पॉलीकैब के शेयर 2,250 रुपये का स्तर शार्ट टर्म में छू सकते हैं. वहीं, हैवल्स के शेयर भी 1,225 रुपये तक जा सकते हैं.