General Knowledge: मक्खियां यह नहीं समझ पा रही है कि नर मक्खी और मादा मक्खी में अंतर क्या है. अब अनजाने में ही सही, लेकिन फ्रूट फ्लाई समलैंगिक हो रही हैं. आइए जानते हैं इस बारे में डिटेल में कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है…
ये भी पढ़ें– 10 दिन बाद नहीं मिलेगी LIC की ये धांसू पॉलिसी, हर महीने 9250 पेंशन, मेडिकल जांच की जरूरत नहीं, जानें शर्तें
General Knowledge: समलैंगिकता को अब विश्व के ज्यादातर देशों में मान्यता मिल रही है. अब पुरुष अपने पुरुष साथी के साथ और महिला अपनी महिला पार्टनर के साथ लिव-इन रिलेशन में रह सकते हैं और शादी भी कर सकते हैं. इस तरह अब आपको पूरी आजादी है कि आप इच्छा अनुसार अपना पार्टनर चुन सकते हैं. इंसानों का तो समझ आता है, लेकिन अब ऐसा ही कुछ मक्खियां भी कर रही हैं. सुनकर हैरानी तो हो रही होगी, लेकिन यह सच है. हाल ही में मक्खियों पर हुई रिसर्च यही कह रही है.
हालांकि, इंसानों की तरह मक्खियां अपनी मर्जी से अपने समलैंगिक पार्टनर का चुनाव नहीं कर रही हैं, लेकिन उनके ऐसा करने के पीछे की वजह भी इंसान ही हैं. दरअसल, एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि मक्खियों में अब समलैंगिक संबंध भी बन रहे हैं. दिन पर दिन बढ़ते प्रदूषण के चलते ऐसा हो रहा है, क्योंकि इससे उन्हें अपने पार्टनर का चुनाव करने में दिक्कतें आ रही हैं.
रिसर्च रिपोर्ट
हाल ही में जर्मनी के मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर केमिकल इकोलॉजी के शोधकर्ताओं ने मक्खियों पर एक रिसर्च की. इसमें सामने आया कि नर और मादा मक्खियां एक-दूसरे में अब अंतर नहीं कर पा रही हैं. मादा मक्खी मिलन के लिए मादा के पास जा रही है और नर मक्खी नर के पास जा रही है.
ये भी पढ़ें– PAN-Aadhaar Linking 31st March: पैन को आधार से लिंक करना है, लेकिन नाम गलत छपा है? जानें कैसे होगा फिक्स
बढ़ता पॉल्यूशन है इसकी वजह
रिसर्च के मुताबिक इंसानों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण के कारण मक्खियों के व्यवहार में भी बदलाव आ रहा है. तेजी से बढ़ते पॉल्यूशन के चलते मक्खियों में अब फेरामोन्स नामक हारमोंस रिलीज नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण मक्खियों में ये समस्या हो रही है.
फेरामोन्स हारमोंस की कमी
रिसर्च में पाया कि 10 नर मक्खियों में से मिलन के लिए सिर्फ 7 मक्खियां मादा मक्खियों के पास जा रही हैं, जबकि तीन नर मक्खियां नर मक्खियों के साथ ही समलैंगिक संबंध बना रही हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर ओजोन का लेवल 100 पीपीबी रहता है, तो इससे मक्खियों में फेरामोन्स हॉरमोन का असर तेजी से कम होता है. जिसके कारण उन्हें कई कठिनाइयां आ रही हैं.