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7th pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए क्या है ये फॉर्मूला जिससे बढ़ती है सैलरी! जानें कैसे मिलता है फायदा?

7th pay Commission latest update: सातवें वेतन आयोग (7th pay Commission) लागू होने के बाद अब केंद्रीय कर्मचारी का स्टेट्स ग्रेड पे से नहीं बल्कि पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) से तय किया जाता है.

7th pay Commission latest update: केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी (Central government employees salary) में पे-मैट्रिक्स (Pay Matrix) का सबसे अहम रोल होता है. साल 2016 से पहले तक सरकारी कर्मचारियों का स्टेट्स ग्रेड पे (grade pay) के आधार पर निर्धारित होता था, लेकिन अब ये पे-मैट्रिक्स (Pay Matrix) के आधार पर होता है. Pay Matrix के आधार पर ही केंद्र के सरकारी कर्मचारियों की सैलरी ग्रोथ (7th CPC Pay Scale 3) निर्धारित होती है.

पे-मैट्रिक्स से तय होती है सैलरी

पहले समझिए पे-मैट्रिक्स क्या है और इससे कर्मचारियों की सैलरी पर क्या असर पड़ने वाला है. इससे सरकारी कर्मचारियों को किस तरह फायदा होगा. सातवें वेतन के तहत पे-मैट्रिक्स लेवल 3 से बेसिक पे-स्ट्रक्चर तय होता है. फिलहाल, level-3 में बेसिक पे स्ट्रक्चर न्यूनतम 21,700 रुपए है और अधिकतम या 40 इंक्रीमेंट के साथ 69,100 रुपए होता है.

ऐसे समझें लेवल-3 का सैलरी स्ट्रक्चर

उदाहरण से समझते हैं. कोई भी सरकारी कर्मचारी अगर किसी डिपार्टमेंट में पे मैट्रिक्स लेवल 3 के अंतर्गत आता है. उसका बेसिक मूल वेतन 21,700 रुपए है तो आइए जानते हैं कि उस कर्मचारी की कुल सैलरी कितनी होगी?

  • लेवल और ग्रेड-पे: स्तर -3 (ग्रेड-पे-2000)
  • स्थान: दिल्ली
  • मूल वेतन (Basic Pay): 21,700 रुपए
  • महंगाई भत्ता (DA): 6,727 रुपए (मूल वेतन का 31%)
  • हाउस रेंट अलाउंस (HRA): 5,859 रुपए (27% / X शहर)
  • यात्रा भत्ता (Travelling Allowance): 4,716 रुपए (स्तर-3/ए1 शहर)
  • कुल सैलरी (Gross Salary) : 39,002 रुपए

क्या है पे मैट्रिक्स?

सातवें वेतन आयोग (7th pay Commission) लागू होने के बाद अब केंद्रीय कर्मचारी का स्टेट्स ग्रेड पे से नहीं बल्कि पे मैट्रिक्स (Pay Matrix) से तय किया जाता है. कर्मचारी अब आसानी से अपने वेतन के स्तर का पता लगा सकते हैं, साथ ही भविष्य के वेतन में संभावित बढ़ोतरी के बारे मे भी जान सकते हैं. इससे आपको अपने करियर के शुरुआत में ही यह पता चल जाएगा कि आगे कर्मचारी को कितना फायदा होने वाला है. 

कैसे होती है गणना?

इसकी गणना के लिए एक टेबल के होती है जिसके जरिए सैलरी की गणना की जाती है. सिविलियन कर्मचारियों, रक्षा बलों और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (MNS) के लिए अलग-अलग पे मैट्रिक्स तैयार किया गया है, जिसके आधार पर उनकी सैलरी बनती है. सिफारिशों के अनुसार, इस स्ट्रक्चर को ऐसे तैयार किया गया है, जिसमें हर कर्मचारी को फायदा मिलता है.

एंट्री लेवल पर सैलरी न्यूनतम 18,000 रुपए

सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के अनुसार, अब एंट्री लेवल के सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी (Central government employees minimum salary) 7,000 रुपए से बढ़कर 18,000 रुपए हो चुकी है. मतलब अब सैलरी की गणना बेसिक स्ट्रक्चर (Basic pay structure) 18,000 के आधार पर की जाएगी. वहीं, क्लास-वन ऑफिसर को अब मिनिमम 56,100 रुपए सैलरी है. कुल मिलाकर इससे सरकारी कर्मचारियों को सैलरी और उनके भत्ते की गणना का फायदा मिलता है.

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