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DNA Vaccine for Covid: जल्द मिलेगी दुनिया की पहली DNA आधारित वैक्सीन, कैसे करेगी काम? जानिए सबकुछ

DNA Vaccine for Covid: मानक पूरे होने पर जब यह टीका बाजार मे आएगा तब यह देश का पहला DNA आधारित टीका होगा और तब भारत ऐसा पहला देश होगा, जिसके पास कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए DNA आधारित टीका होगा.

DNA Vaccine for Covid: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत को जल्द ही एक बड़ा हथियार मिलने वाला है. Omicron के बढ़ते खतरे के बीच PM Narendra Modi ने बड़ा ऐलान किया है. शनिवार देर रात देश को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi address nation) ने कहा कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए जल्द ही देश के पास पहली DNA आधारित वैक्सीन (DNA Vaccine for Covid) होगी. ऐसा होने पर भारत दुनिया में पहला ऐसा देश होगा, जिसके पास महामारी से बचाव के लिए DNA आधारित टीका होगा.

साल 2022 में आएगी DNA वैक्सीन

कई भारतीय कंपनियां कोरोना से बचाव के अपने टीकों का उत्पादन बढ़ा रही हैं. कैडिला हेल्थकेयर की DNA आधारित वैक्सीन का क्लीनिकल परीक्षण लगभग पूरा हो चुका है. ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही भारत को ये वैक्सीन मिल जाएगी. PM मोदी के ऐलान से साफ है कि साल 2022 के पहले तीन महीने में ये वैक्सीन देशवासियों के इस्तेमाल के लिए आ सकती है.

कैसे काम करती है DNA वैक्सीन?

कोरोना की ये वैक्सीन दुनिया की पहली DNA वैक्सीन होगी. इसके जरिए जेनेटिकली इंजीनियर्ड प्लास्मिड्स को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है. इससे शरीर कोविड-19 के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन होता है और इस तरह वायरस से बचाव वाले एंटीबॉडी पैदा होती हैं. ज्यादातर कोरोना वैक्सीन के 2 डोज लगते हैं, लेकिन DNA वैक्सीन के 3 डोज लेने होंगे.

सूई से नहीं बल्कि खास डिवाइस से लगेगी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के मुताबिक, इस वैक्सीन के बारे में एक और खास बात है. यह सूई से नहीं लगाई जाएगी. इसके लिए एक खास डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा. जायडस कैडिला का दावा है कि इस मेथड से वैक्सीन लगने की वजह से दर्द नहीं होगा. कंपनी का तो यहां तक दावा है कि इससे वैक्सीन के साइड इफेक्ट भी कम हो सकते हैं. वहीं, फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को ज्यादा ठंडे तापमान में रखने की जरूरत होती है. इस वजह से उनके ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज में तमाम तरह की चुनौतियां होती हैं. वहीं, कैडिला की DNA वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकेगा. मतलब इसे आसानी से ट्रांसपोर्ट और स्टोर किया जा सकेगा और वैक्सीन की बर्बादी नहीं होगी.

DNA वैक्सीन वाला पहला देश होगा भारत

मानक पूरे होने पर जब यह टीका बाजार मे आएगा तब यह देश का पहला DNA आधारित टीका होगा और तब भारत ऐसा पहला देश होगा, जिसके पास कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए DNA आधारित टीका होगा. भारतीय कंपनियां कोविड-19 के लिए नाक से दिए जाने वाले टीके का भी परीक्षण कर रही हैं. जल्द ही इसे भी मंजूरी मिल सकती है. 

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