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AGS Transact Technologies का IPO 100% भरा, 21 जनवरी तक कर सकते हैं निवेश

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AGS Transact Technologies का IPO आज दूसरे दिन 100 फीसदी से ज्यादा भर गया है. यह साल 2022 का पहला IPO है, जो बुधवार यानी 19 जनवरी को सब्सक्रिप्सन के लिए खुला था.

AGS Transact Technologies IPO Subscription Status:पेमेंट सॉल्यूशन प्रोवाइडर कंपनी AGS Transact Technologies का IPO आज दूसरे दिन 100 फीसदी से ज्यादा भर गया है. यह साल 2022 का पहला IPO है, जो बुधवार यानी 19 जनवरी को सब्सक्रिप्सन के लिए खुला था. पहले दिन यह करीब 88 फीसदी भर पाया था. रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व हिस्सा करीब 1.66 गुना भरा है. AGS Transact Technologies के IPO में 21 जनवरी तक निवेश किया जा सकता है. इसके तहत कंपनी की योजना 680 करोड़ रुपये जुटाने की है. यह IPO सिर्फ ऑफर फॉर सेल (OFS) पर बेस्ड है. कंपनी ने इश्यू के लिए प्राइस बैंड 166-175 रुपये प्रति शेयर तय किया है.

कौन सा हिस्सा कितना भरा

IPO के तहत 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा गया है. सह हिस्सा अबतक 0.47 गुना भरा है. 35 फीसदी हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व है. यह हिस्सा अबतक 1.66 गुना भरा है. जबकि 15 फीसदी हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है. यह हिस्सा अबतक 1.03 गुना भरा है. ओवरआल यह इश्यू अबतक 1.18 गुना भरा है. 

प्राइस बैंड और लॉट साइज

AGS Transact Technologies ने अपने IPO के लिए प्राइस बैंड 166-175 रुपये प्रति शेयर तय किया है. वहीं इसमें लॉट साइज 85 शेयरों का होगा. कम से कम एक लॉट के लिए बोली लगानी जरूरी होगी. अपर प्राइस बैंड 175 रुपये के लिहाज से कम से कम 14875 रुपये IPO में लगाने होंगे. इसके बाद 85 शेयरों के मल्टीपल में निवेश किया जा सकता है. इश्यू का साइज 680 करोड़ रुपये का होगा.

कंपनी के बारे में

AGS Transact Technologies दिसंबर 2002 में इनकॉरपोरेट की गई थी. यह कंपनी फिलहाल देश के सबसे बड़े पेमेंट सॉल्यूशन प्रोवाइडर्स में शामिल है, जो बैंकों और कॉरपोरेट ग्राहकों को डिजिटल और कैश आधारित सॉल्यूशन मुहैया कराती है. यह कंपनी पेमेंट सॉल्यूशन, बैंकिंग ऑटोमेशन सॉल्यूशन और अन्य ऑटोमेशन सॉल्यूशन मुहैया कराती है. इसके ग्राहकों में रिटेल, पेट्रोलियम और कलर सेक्टर से कस्टमर शामिल हैं. कंपनी ने अपने कारोबार का विस्तार श्रीलंका, सिंगापुर, कंबोडिया, फिलीपीन्स और इंडोनेशिया जैसे अन्य एशियाई देशों में भी किया है.

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