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RBI जल्द डिजिटल उधारी के बारे में दिशानिर्देश करेगा जारी: डिप्टी गवर्नर

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राव ने मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद कहा RBI को सार्वजनिक टिप्पणियां मिली हैं और हम उन टिप्पणियों के आधार पर दिशानिर्देश (डिजिटल उधार पर) तैयार करेंगे। काम प्रगति पर है और जल्द ही इसे (दिशानिर्देश) लॉन्च किया जाएगा।

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही डिजिटल कर्ज पर दिशानिर्देश जारी करेगा, डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने गुरुवार को यह जानकारी दी। पिछले साल नवंबर में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप के माध्यम से कर्ज देने सहित डिजिटल कर्ज पर कार्य समूह ने अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की थीं। केंद्रीय बैंक ने जनता से सिफारिशों पर टिप्पणी मांगी थी। जिसकी आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2021 थी।

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राव ने मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद कहा, RBI को सार्वजनिक टिप्पणियां मिली हैं, और हम उन टिप्पणियों के आधार पर दिशानिर्देश (डिजिटल उधार पर) तैयार करेंगे। काम प्रगति पर है, और जल्द ही इसे (दिशानिर्देश) लॉन्च किया जाएगा। खुदरा भुगतान प्रणाली के संबंध में नई इकाई के बारे में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आवेदकों के नाम को अंतिम रूप देने में देरी हो रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि प्रक्रिया मूल्यांकन के अधीन है और जल्दी ही ब्योरा जारी किया जाएगा।

आरबीआई ने शुरुआत में अम्ब्रेला एंटाईटी इकाई के लिए आवेदन जमा करने की समय सीमा 26 फरवरी, 2021 तक रखी थी, लेकिन बाद में इसे 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया। शक्तिकांत दास ने कहा कि नामों को अंतिम रूप देने में देरी मुख्य रूप से इसलिए है क्योंकि इस मुद्दे से निपटने वाले अधिकारी अन्य कार्यों में व्यस्त हैं।हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रक्रिया का मूल्यांकन किया जा रहा है और जल्द ही विवरण सामने आएगा।

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गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिवर्स रेपो दर में वृद्धि नहीं किये जाने का प्रमुख कारण मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का नीतिगत मामले में उदार रुख बनाये रखना है। दास ने यह भी कहा कि रिवर्स रेपो दर के लिये भारांश औसत दर चार फरवरी को 3.87 प्रतिशत तक रही। जबकि अगस्त, 2021 में यह 3.37 प्रतिशत थी। उन्होंने इसके जरिये संकेत दिया कि रिजर्व बैंक के नकदी संबंधी उपायों से रेपो दर और रिवर्स रेपो दर में अंतर कम हो रहा है।

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