मनी लॉड्रिंग और टेरर फडिंग की निगरानी करने वाली इंटरनेशनल संस्था ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (FTF) ने पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में ही रखा है. एफएटीएफ की मीटिंग में ये फैसला लिया गया.
- एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखा
- 27 में से 26 प्वाइंट्स पूरा करने पर भी ग्रे सूची में
- टेरर फडिंग पर लगाम न लगाने पर हुआ ऐसा
इस्लामाबाद: मनी लॉड्रिंग और टेरर फडिंग की निगरानी करने वाली इंटरनेशनल संस्था ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (FATF) ने पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में ही रखा है और इस्लामाबाद को अपनी वित्तीय प्रणाली में कमियों को जल्द से जल्द दूर करने के लिए कहा है. शनिवार को एक खबर में यह जानकारी दी गई है.
एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है पाक
पाकिस्तान मनी लॉड्रिंग और टेरर फडिंग पर लगाम लगाने में नाकाम रहने के कारण जून 2018 से ही पेरिस स्थित एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है. निर्धारित लक्ष्यों को अक्टूबर 2019 तक पूरा करने के लिए उसे एक कार्य योजना दी गई थी. एफएटीएफ के आदेशों का पालन करने में विफल होने के कारण पाकिस्तान तब से लेकर अब तक उस ‘ग्रे सूची’ में ही बना हुआ है.
एफएटीएफ की मीटिंग में लिया गया फैसला
डॉन की खबर के मुताबिक, वर्क प्लान के 34 में से 32 प्वाइंट्स को पूरा करने के बावजूद एफएटीएफ की पूरक बैठक के शुक्रवार को हुए समापन सत्र में पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में ही रखने का फैसला किया गया है. हालांकि, वित्तीय अपराधों से लड़ने के लिए अपनी वैश्विक प्रतिबद्धताओं पर पाकिस्तान के मजबूत कार्यक्रम के लिए एफएटीएफ की पूरक बैठक के समापन सत्र में उसकी सराहना की गई.
27 प्वाइंट में से 26 पर पाक की प्रगति की बात
गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में एफएटीएफ ने अपनी 27 सूत्री वर्क प्लान के 26 बिंदुओं पर पाकिस्तान के प्रगति करने की बात स्वीकार की थी, लेकिन संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा प्रतिबंधित आतंकी समूहों के शीर्ष कैडर के खिलाफ आतंकवाद के फाइनेंस की जांच और अभियोजन को लेकर उसने इस्लामाबाद को अपनी ग्रे सूची (अधिक निगरानी वाली सूची) में बरकरार रखा था.
एफएटीएफ ने वर्क प्लान पूरा करने की बात की स्वीकार
एफएटीएफ ने यह भी स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने मनी लॉड्रिंग पर एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) के सात वर्क प्लान के प्वाइंट्स को भी पूरा किया है. उसने कहा कि एपीजी से मिली 2021 की हालिया कार्य योजना मुख्य रूप से धनशोधन पर केंद्रित थी और उसने इसके क्रियान्वयन में गंभीर कमियां पाई थीं.