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छत्तीसगढ़

Bastar Water ATM: तेज गर्मी में कैसे बुझेगी राहगीरों की प्यास, लाखों रुपए की वाटर एटीएम मशीन बनी कबाड़

Bastar News: बस्तर में राहगीरों के लिए बनाये गए वाटर ATM सालों से देखरेख के आभाव में खराब पड़े हैं. ऐसे में लोगों को पीने के पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. 

अप्रैल का महीना शुरू होते ही छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी तेज धूप और गर्मी से लोगों की हालत खराब होने लगी है. सुबह से ही पड़ने वाली तेज गर्मी से लोग परेशान हैं. दो कदम चलते ही थकान महसूस होने लगती है. इस थकान को मिटाने के लिए शरीर को पानी चाहिए होता है. राहगीरों को गर्मी के मौसम में पानी की समस्या से न जूझना पड़े इसके लिए कई प्याऊ घर भी बनाये गए हैं. प्रशासन ने लोगों को 2 रुपये में ठंडा पानी मिले इसके लिए लाखों रुपये की लागत से जगदलपुर शहर के अलग-अलग सार्वजनिक स्थलों पर वाटर ATM भी बनाया गया है.

देखरेख के अभाव में खराब हुई मशीन

कई महीनों से ये वाटर एटीएम देखरेख के अभाव में खराब हो चुकी है. जगदलपुर शहर के साथ-साथ बस्तर संभाग के सभी जिलों में लगे ये वाटर एटीएम कबाड़ में तब्दील हो चुके हैं. जिसकी वजह से लोगों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. इस वाटर ATM के जरिये लोगों को दो रुपये में एक लीटर ठंडा पानी उपलब्ध होता हैं, लेकिन चंद महीने ही लोगों को इसका लाभ मिला और लाखों रुपये के मशीन मेंटनेंस के अभाव में कबाड़ हो गए. अब लोग गर्मी के मौसम में पानी के लिए इधर-उधर भटकते दिखाई देते हैं.

देखरेख के अभाव में खराब हुई मशीन

कई महीनों से ये वाटर एटीएम देखरेख के अभाव में खराब हो चुकी है. जगदलपुर शहर के साथ-साथ बस्तर संभाग के सभी जिलों में लगे ये वाटर एटीएम कबाड़ में तब्दील हो चुके हैं. जिसकी वजह से लोगों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. इस वाटर ATM के जरिये लोगों को दो रुपये में एक लीटर ठंडा पानी उपलब्ध होता हैं, लेकिन चंद महीने ही लोगों को इसका लाभ मिला और लाखों रुपये के मशीन मेंटनेंस के अभाव में कबाड़ हो गए. अब लोग गर्मी के मौसम में पानी के लिए इधर-उधर भटकते दिखाई देते हैं.

संभागभर के वाटर ATM का बुरा हाल

बस्तर संभाग के 7 जिलों में वाटर एटीएम लगाए गए हैं. सभी की हालत एक जैसी ही है. जगदलपुर शहर में 5 वाटर एटीएम हैं जिनमें से एक के अलावा बाकी सभी सालों से बंद पड़े हुए हैं. दंतेवाड़ा में 6 वाटर एटीएम लगे हैं जो कबाड़ में बदल चुके हैं. लोगों को 2 रुपये में पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए 10-10 लाख रुपये के लागत से वाटर ATM लगाए गए हैं.  बस्तर संभाग के हर जिले में ऐसे ही कम से कम 5 वाटर एटीएम लगाए गए हैं जो अब कबाड़ बन चुके हैं. लोगों का कहना है कि जब ये वाटर एटीएम ठीक थे तब उन्हें 2 रुपये में 1 लीटर पानी मिल जाता था लेकिन अब उन्हें प्यास बुझाने के लिए 20 रुपये खर्च कर पैकेजिंग वाटर बोतल खरीदना पड़ता है.

खराब मशीनों को सुधारा जायेगा

गर्मी का मौसम आते ही लोगों को ठंडे पानी की जरूरत महसूस होने लगती है. ऐसे में ये शो-पीस बन चुके वाटर एटीएम प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खोल रहे हैं. निगम कमिश्नर का कहना है कि पिछले साल कोरोना काल की वजह से वाटर एटीएम को बंद कर दिया गया. इस दौरान वाटर एटीएम पूरी तरह से खराब हो गये, लेकिन जल्द ही मैकेनिक को बुलाकर इन्हें ठीक करा लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बंद पड़े शहर के सभी वाटर एटीएम को सुधारा जाएगा. निगम की महापौर सफिरा साहू का कहना है कि शहर में वाटर एटीएम की खराब होने की शिकायत मिली है. इन्हें दोबारा ठीक करने के आदेश दिए गए हैं. जल्द ही सभी वाटर एटीएम को सुधार लिया जाएगा.

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