All for Joomla All for Webmasters
दिल्ली/एनसीआर

Delhi School Bus: बच्चे की स्कूल बस में दिखे कोई खामी तो इस नंबर पर दर्ज करें शिकायत, जानिए – क्या हैं सही स्कूल बस के मानक

Delhi School Bus Fitness Test: दिल्ली के गौतबमबुद्ध नगर की स्कूल बसों को सड़क पर दौड़ने से पहले पास करना होगा फिटनेस टेस्ट. जानिए क्या हैं मानक.

Delhi Transport Department Releases Helpline Number For Parents, If Any Defect Is Seen In School Bus: अगर आप गौतमबुद्धनगर (Gautam Budh Nagar) में रहते हैं तो यह खबर आपके काम की है. अब आप अपने बच्चे के स्कूल बस में किसी भी तरह कि खामी की शिकायत सीधा परिवहन विभाग (Delhi Transport Department) से कर सकते हैं. इसके लिए परिवहन विभाग ने एक नंबर भी जारी किया है. दरअसल हाल में ही गाजियाबाद (Gaziabad) के मोदीनगर में एक बच्चे की मौत स्कूल बस में हो गई थी, जिसके बाद जांच में यह बात सामने आई की बस अनफिट भी थी. इसे देखते हुए परिवहन विभाग अब अलर्ट मोड पर आ गया है. गौतमबुद्धनगर में अब लोग स्कूल बसों की शिकायत परिवहन विभाग के इस हेल्पलाइन नंबर – 01202505556 पर कर सकते हैं.

बसों का फिटनेस टेस्ट जरूरी –

गाजियाबाद से सटे गौतमबुद्धनगर में स्कूल बसों की फिटनेस पर बात करते हुए एआरटीओ प्रशासन एके पांडेय ने बताया की स्कूल बसों की फिटनेस बहुत जरूरी है क्योंकि इन्हीं बसों से बच्चे स्कूल आते और जाते हैं इसीलिए परिवहन विभाग ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. इससे अभिभावक बसों से अगर संतुष्ट नहीं है या किसी बस में उन्हे कोई खामी नजर आती हैं तो वो परिवहन विभाग को इसकी सूचना दे सकते हैं

अगर कोई बस 8 साल से चल रही है तो एक बार फिटनेस टेस्ट करवाने पर उसे 2 साल चलने की अनुमति मिल जाती है फिर भी इन बसों का हर साल फिटनेस टेस्ट जरूर होना चाहिए.

किन बसों को माना जाएगा फिट –

अगर जिले में चलने वाली स्कूल बसों की फिटनेस की बात करें तो इसको लेकर परिवहन विभाग की तरफ से कुछ चेक प्वॉइंट्स हैं जिनका ध्यान रखना जाना जरूरी है.

  • बसों का समय-समय पर फिटनेस टेस्ट होना चाहिए.
  • बस में परिवहन विभाग के मानकों के मुताबिक स्पीडो मीटर होना बहुत जरूरी है.
  • बस का गेट खोलने पर बीप जैसी आवाज का आना जरूरी है जिससे पता लग सके की दरवाजा खुल गया है.
  • हर सीट पर एक पैनिक बटन होना चाहिए जिससे अगर बच्चों को कोई परेशानी हो तो इसकी सूचना तुरंत ड्राइवर तक पहुंच जाए.
  • बसों में खिड़की के ऊपर ग्रिल लगने चाहिए, ताकि बच्चे अपना मुंह बाहर ना निकाल सकें.
  • बसों में सीसीटीवी भी काफी महत्वपूर्ण है.

अभिभावकों को भी करना चाहिए सहयोग –

एआरटीओ एके पांडेय ने बताया कि गौतमबुद्धनगर में 5 प्रवर्तन की टीम हमेशा ग्राउंड जीरो पर रह कर बसों की फिटनेस टेस्ट करती रहती हैं. जिले में कुल 1400 बस चल रही हैं. ऐसे में बहुत जरूरी है की स्कूल जाने वाली बसों को लेकर अभिभावक भी एक्टिव रहें. जैसे अगर उन्हें खुद भी बस में किसी खामी पर संशय है तो वह तुरंत इसकी सूचना परिवहन विभाग को दें. बच्चों की सुरक्षा के लिए परिवहन विभाग के साथ स्कूल प्रबंधन और पैरेंट्स को भी सामने आना चाहिए.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top