रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में 0.40 फीसदी की वृद्धि करने के बाद अब होम लोन भी महंगा होने के आसार हैं. पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे उपभोक्ताओं पर अब बढ़ी ईएमआई का बोझ भी आएगा. ब्याज दरों में हालिया बढ़ोतरी आपके कर्ज के साथ आपकी जमाओं पर भी असर डालेगी.
नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने दो साल के लंबे अंतराल के बाद आखिरकार अपनी ब्याज दरों को बढ़ा दिया. गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को बताया कि मौद्रिक समिति की बैठक के बाद रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है.
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आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के साथ ही अब बैंक और फाइनेंस कंपनियां भी अपनी ब्याज दरों में वृद्धि शुरू कर देंगी. जो भी खुदरा कर्ज रेपो रेट जैसे बाहरी बेंचमार्क से जुड़ें होंगे, उनकी ब्याज दरों में भी 0.40 फीसदी का एकमुश्त इजाफा हो जाएगा. यानी अगले महीने से ही आपके होम लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी और अब आपको हर महीने ज्यादा किस्त चुकानी पड़ेगी. हालांकि, कर्ज पर ब्याज दरें बढ़ने के साथ आपकी बैंक जमाओं और छोटी बचत योजनाओं पर भी ब्याज दरों में वृद्धि हो सकती है.
30 लाख के होम लोन पर अब कितना असर
अगर आपने 30 लाख रुपये का होम लोन 7.5 फीसदी ब्याज दर पर लिया है, जिसे 20 साल में चुकाया जाना है. इस पर अभी तक आप हर महीने 24,168 रुपये की ईएमआई चुकाते हैं, लेकिन रेपो रेट बढ़ने के बाद आपके कर्ज की ब्याज दर भी बढ़कर 7.9 फीसदी हो जाएगी. ऐसे में आपकी हर महीने की किस्त बढ़कर 24,907 रुपये हो सकती है. यानी आप हर महीने 739 रुपये ज्यादा किस्त चुकाएंगे.
अगर पूरे टेन्योर की बात की जाए तो पहले के ब्याज दर के हिसाब से आप 20 साल में कुल 28,00,271 रुपये ब्याज के रूप में अदा करेंगे, लेकिन दरें बढ़ने के बाद आपकी कुल ब्याज देनदारी 29,77,636 रुपये हो जाएगी. इस तरह नई ब्याज दर के बाद आप पर कुल 1,77,365 रुपये का बोझ बढ़ जाएगा.
50 लाख के कर्ज पर कितना बढ़ेगा बोझ
अगर आपके होम लोन की राशि 50 लाख रुपये और ब्याज 7.5 फीसदी है, जिसे 20 साल में चुकाया जाना है. इस पर आपकी मौजूदा ईएमआई 40,280 रुपये होगी. लेकिन, रेपो रेट में 0.40 फीसदी बढ़ोतरी आपके कर्ज की ब्याज में भी जुड़ जाएगी जिससे आपकी प्रभावी ब्याज दर 7.9 फीसदी पहुंच जाएगी. ऐसे में आपको हर महीने 41,511 रुपये देने होंगे. यानी किस्त में 1,280 रुपये की बढ़ोतरी हो जाएगी.
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अगर पूरे टेन्योर की बात की जाए तो पहले के ब्याज दर (7.5 फीसदी) के हिसाब से आप 20 साल में कुल 46,67,118 रुपये ब्याज के रूप में अदा करेंगे, लेकिन दरें बढ़ने के बाद आपकी कुल ब्याज देनदारी 49,62,727 रुपये हो जाएगी. इस तरह नई ब्याज दर के बाद आप पर कुल 2,95,609 रुपये का बोझ बढ़ जाएगा.
सेविंग स्कीम और डिपॉजिट पर कैसे होगा फायदा
ब्याज दरें बढ़ने का असर लोन के साथ बैंक जमाओं और छोटी बचत योजनाओं पर भी पड़ता है. हो सकता है कि जमाकर्ताओं को इसका लाभ मिलने में थोड़ा समय लगे, लेकिन आने वाले दिनों में बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ सकती हैं. इसमें एफडी, पीपीएफ, एनएससी और सुकन्या जैसी योजनाओं में पैसे लगाने वालों को लाभ मिलेगा.