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SBI, PNB समेत सभी सरकारी बैंक के लिए अच्छी खबर, धोखधड़ी वाले पैसों को लेकर RBI ने दी बड़ी जानकारी

Government Banks Fraud: भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने बताया कि मार्च, 2022 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में धोखाधड़ी के जरिए फंसी हुई राशि 51 फीसदी कम हुई है.

Government Banks Fraud: सरकारी बैंकों (Government Banks) के लिए राहत की खबर है. भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने बताया कि मार्च, 2022 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में धोखाधड़ी के जरिए फंसी हुई राशि 51 फीसदी कम हुई है. बता दें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का धोखाधड़ी (Bank Fraud) में फंसा रुपया 51 फीसदी घटकर 40,295.25 करोड़ रुपये रह गया है. सूचना के अधिकार (आरटीआई) में इस बारे में जानकारी दी गई है. 

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12 बैंकों का फंसा था पैसा
RTI में मिली जानकारी के मुताबिक, आरबीआई ने कहा कि 2020-21 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों का 81,921.54 करोड़ रुपया धोखाधड़ी में फंसा था. मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ के आरटीआई आवेदन के जवाब में केंद्रीय बैंक ने कहा कि इन बैंकों में 2021-22 में धोखाधड़ी के 7,940 मामले सामने आए, 2020-21 में यह संख्या 9,933 थी.

सबसे ज्यादा पैसा पीएनबी का फंसा 
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 के दौरान इन बैंकों में सामने आए धोखाधड़ी के मामलों में सर्वाधिक 9,528.95 करोड़ रुपये पंजाब नेशनल बैंक के फंसे हैं. बैंक में इस तरह के 431 मामले सामने आए हैं.

SBI की 6900 करोड़ के करीब फंसा है पैसा
इसके अलावा देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई की बात करें तो यहां पर धोखाधड़ी के 4,192 मामले आए, जिनमें बैंक के 6,932.37 करोड़ रुपये फंसे है. इसका मतलब है कि बैंक में धोखाधड़ी के ऐसे मामले ज्यादा हैं जिनमें गबन छोटी रकम का किया गया है.

जानें और कौन से बैंकों का नाम है शामिल?
बैंक ऑफ इंडिया के धोखाधड़ी के मामलों में 5,923.99 करोड़ रुपये फंसे हैं (209 मामले), बैंक ऑफ बड़ौदा के 3,989.36 करोड़ रुपये (280 मामले); यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के 3,939 करोड़ रुपये (627 मामले) जबकि केनरा बैंक के 3,230.18 करोड़ रुपये महज 90 मामलों में फंसे हैं.

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इंडियन बैंक समेत कई अन्य बैंक भी शामिल
इनके अलावा, इंडियन बैंक के 211 मामलों में 2,038.28 करोड़ रुपये; इंडियन ओवरसीज बैंक के 312 मामलों में 1,733.80 करोड़ रुपये; बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 72 मामलों में 1,139.36 करोड़ रुपये; सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के धोखाधड़ी के मामलों में 773.37 करोड़ रुपये; यूको बैंक के 114 मामलों में 611.54 करोड़ रुपये और पंजाब एंड सिंध बैंक के धोखाधड़ी के 159 मामलों में 455.04 करोड़ रुपये फंसे हैं.

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