रुस्तमजी समूह की कंपनी कीस्टोन रियल्टर्स ने आईपीओ के माध्यम से लगभग 850 करोड़ रुपये जुटाने के लिए सेबी के पास पेपर जमा किया है. यह प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर्स में से एक है. जुहू, बांद्रा पूर्व, खार, भांडुप, विरार और ठाणे में इसकी मौजूदगी है.
Upcoming IPO: रियल एस्टेट की एक और कंपनी अपना आईपीओ लाने जा रही है. रुस्तमजी समूह की कंपनी कीस्टोन रियल्टर्स ने आईपीओ के माध्यम से लगभग 850 करोड़ रुपये जुटाने के लिए सेबी के पास पेपर जमा किया है. आईपीओ में 700 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और प्रमोटर द्वारा 150 करोड़ रुपये तक का ओएफएस शामिल है.
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ओएफएस में बोमन रुस्तम ईरानी का 75 करोड़ रुपये , पर्सी सोराजी चौधरी का 37.50 करोड़ रुपये और चंद्रेश दिनेश मेहता का 37.50 करोड़ रुपये हिस्सा होगा. इश्यू से 427 करोड़ रुपये की आय का इस्तेमाल उसकी सहायक कंपनियों द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाने में किया जाएगा. कंपनी बाकी फंड का इस्तेमाल अधिग्रहण और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी. एक्सिस कैपिटल और क्रेडिट सुइस इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं.
कुल कर्ज 1439.18 करोड़ रुपये का
कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 में 1211.47 करोड़ रुपये के मुकाबले 848.72 करोड़ रुपये का कुल राजस्व दर्ज किया. इस साल के लिए शुद्ध लाभ 231.82 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 14.50 करोड़ रुपये था. दिसंबर 2021 तक इसका कुल कर्ज 1439.18 करोड़ रुपये था.
कंपनी का बिजनेस
यह प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर्स में से एक है. जुहू, बांद्रा पूर्व, खार, भांडुप, विरार और ठाणे में इसकी मौजूदगी है. कंपनी की जहां परियोजनाएं वहां यह अच्छा मुनाफा कमा रही है. 31 मार्च, 2022 तक, फर्म के पास मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में 32 पूर्ण परियोजनाएं, 12 चल रही परियोजनाएं और 19 आगामी परियोजनाएं थीं. इनमें किफायती, मध्यम और बड़े पैमाने पर, प्रीमियम और सुपर प्रीमियम के तहत घरों की एक विस्तृत रेंज है. ये सभी श्रेणियां इसके रुस्तमजी ब्रांड के तहत हैं.
इस कंपनी ने 2 करोड़ से ज्यादा वर्ग फुट के उच्च-मूल्य और किफायती आवासीय भवनों, प्रीमियम एस्टेट्स, टाउनशिप, कॉरपोरेट पार्कों, खुदरा स्थानों, स्कूलों, प्रतिष्ठित स्थलों और विभिन्न अन्य रियल एस्टेट परियोजनाओं को विकसित किया है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि आगे अब रियल एस्टेट के लिए मार्केट अच्छा रहने की उम्मीद है. लेकिन इस समय मार्केट का सेंटीमेंट गड़बड़ा गया है. कई आने वाले आईपीओ अब टाले जा रहे हैं या उनका साइज कम हो रहा है.