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मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर और एडिट करके शेयर किया गया, पैगंबर विवाद पर सफाई देने सामने आईं नूपुर शर्मा

नूपुर शर्मा ने कहा कि मुझे मिल रही धमकियों पर कुछ करने की बजाय मुझ पर ही अलग-अलग राज्यों में केस दर्ज किये जा रहे हैं। इस तरह की एफआईआर से मेरी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।

एक जुलाई को भाजपा से निलंबित नेता नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट द्वारा फटकार लगाई गई। सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। इसपर नूपुर शर्मा की सफाई आई है। नूपुर शर्मा ने इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। मेरे खिलाफ फेक न्यूज फैलाई गई।

नूपुर शर्मा ने अपनी सफाई में कहा, “एक टीवी डिबेट के दौरान मैंने पैगंबर मोहम्मद पर जो बयान दिया था, उसे आसमाजिक तत्वों द्वारा तोड़ मरोड़कर एडिट करके अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया गया। जिसके बाद मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है।”

नूपुर शर्मा ने कहा है, “मेरे परिवार को रेप और गला काटने की धमकियां मिल रही है। इस वजह से मेरी और मेरे परिवार की जिंदगी खतरे में पड़ गई है। जो भी विवाद देशभर में हुआ वो मेरे बयान की वजह से नहीं, बल्कि असामाजिक तत्वों द्वारा मेरे बयान के साथ छेड़छाड़ कर वायरल करने की वजह से हुआ। जिसकी वजह से देशभर में मुझपर एफआईआर दर्ज की गई हैं।”

नूपुर शर्मा ने आगे कहा, “मुझे मिल रही धमकियों पर कुछ करने की बजाय मुझ पर ही अलग-अलग राज्यों में केस दर्ज किये जा रहे हैं। इस तरह की एफआईआर से मेरी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। और मुझे संविधान द्वारा दिये गये बोलने के अधिकार को छीनने की कोशिश हो रही है।”

नूपुर शर्मा का कहना है, “मैंने अपने बयान पर माफीनामा भी जारी कर दिया था। जिसमें साफ तौर पर कहा था कि मेरे बयान से कभी किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। मेरी मंशा किसी की भी धार्मिक भावनाओं को आहत करने की नहीं थी।” भाजपा से निलंबित नेता ने कहा कि मेरे खिलाफ जो भी केस, धाराएं दर्ज हैं, सब गलत है। उन्हें अदालत को डिसमिस कर देना चाहिए।

बता दें कि इससे पहले एक जुलाई को नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कहा था कि मुझे धमकियां मिल रही हैं, मेरी जान को खतरा है। ऐसे में मेरे खिलाफ अलग-अलग राज्यों में जो केस दर्ज हुए हैं, उन्हें दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाए। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर हाईकोर्ट जाने को कहा।

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