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Symptoms Of Cervical Cancer: 10 वार्निंग साइन को लेकर महिलाएं रहें अलर्ट दिखें तो हो जाएं सतर्क

Signs Of Cervical Cancer: भारत में हर साल कई लाख महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है और मृत्यु दर भी अधिक है. सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सबसे आम स्त्रीरोग संबंधी कैंसर में से एक है. ऐसे में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण पहचानने जरूरी हैं.

  • भारत में हर साल कई लाख महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है .
  • सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सबसे आम स्त्रीरोग संबंधी कैंसर में से एक है..
  • सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) धीरे-धीरे विकसित होने वाली बीमारी है.

How To Find Cervical Cancer Early: सर्वाइकल कैंसर विकासशील देशों में महिलाओं में सबसे आम स्त्रीरोग संबंधी कैंसर में से एक है. गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय (Uterus) का निचला भाग है जो गर्भाशय को योनि से जोड़ता है. सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी काफी अधिक है. गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर अक्सर मानव पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के साथ एक अंतर्निहित संक्रमण से संबंधित होते हैं, जो आमतौर पर यौन संचारित (Sexually Transmitted) होता है. एचपीवी गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में प्री-कैंसर चेंजेस का कारण बन सकता है जो अंततः सर्वाइकल कैंसर की ओर ले जाता है. एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine) अगर कम उम्र में दिया जाए तो एचपीवी संक्रमण से बचाव और सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

जबकि सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) धीरे-धीरे विकसित होने वाली बीमारी हो सकती है, अगर जल्दी पता नहीं चला, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों जैसे पेट, लीवर, यूरीनरी ब्लैडर या फेफड़ों में फैल सकता है. यहां सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती संकेत और लक्षणों के बारे में जानिए.

सर्वाइकल कैंसर के संकेत और लक्षण | Cervical Cancer Signs And Symptoms

यह रोग ज्यादातर प्रारंभिक अवस्था में बिना किसी लक्षण के पता नहीं चलता है और प्राइमरी लक्षणों को विकसित होने में सालों लग सकते हैं. स्टेज 1 सर्वाइकल कैंसर के कुछ सामान्य संकेत और लक्षण हैं जानने के लिए पढ़ें:

  1. सहवास के बाद ब्लीडिंग यानी संभोग के बाद योनि से खून बहना
  2. मासिक धर्म या रजोनिवृत्ति के बाद ब्लीडिंग के बीच अनियमित या अचानक रक्तस्राव
  3. दुर्गंधयुक्त योनि स्राव या संभोग के दौरान दर्द
  4. पेशाब करने में दर्द
  5. दस्त
  6. मलाशय से ब्लीडिंग
  7. थकान
  8. वजन घटना
  9. भूख में कमी
  10. पैल्विक या पेट दर्द

सर्वाइकल कैंसर का निदान | Cervical Cancer Diagnosis

टेस्ट के साथ स्त्री रोग संबंधी जांच आमतौर पर प्री-कैंसर और अनियमितताओं के संकेतों की जांच करके गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के ज्यादातर मामलों का पता लगाने में प्रभावी होती है. एचपीवी मोलेक्यूलर टेस्ट जैसे अन्य परीक्षण खासकर से एचपीवी वायरस के लिए गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं की जांच के लिए किए जाते हैं. संदिग्ध कैंसर की जांच के लिए पंच बायोप्सी या एंडोकर्विकल ट्रीटमेंट जैसी तकनीकों के जरिए टिश्यू के सेम्पल लेकर बायोप्सी की जाती है.

सर्वाइकल कैंसर की स्टेज | Stage Of Cervical Cancer

ज्यादातर अन्य कैंसर की तरह, सर्वाइकल कैंसर को भी 4 स्टेज में बांटा गया है. स्टेज वन ज्यादातर लक्षणों के बिना पता नहीं चलता है और इसका मतलब है कि कैंसर केवल गर्भाशय ग्रीवा में है और अन्य भागों में नहीं फैला है. दूसरे चरण में संक्रमण गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय से आगे फैल गया है, लेकिन अभी तक पेल्विक की दीवार तक नहीं फैला है. कैंसर तीसरे चरण में योनि और पेल्विक की दीवार के निचले हिस्से में फैल सकता है और अंत में चरण IV में यह मूत्राशय, मलाशय या शरीर के अन्य हिस्सों जैसे आपकी हड्डियों या फेफड़ों में घुस करता है.

सर्वाइकल कैंसर का निवारण (Cervical Cancer Prevention)

सर्वाइकल कैंसर के संकेतों और लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, पैप स्मीयर स्क्रीनिंग और मोलेक्यूलर टेस्ट के जरिए जल्दी पता लगाना इस खतरनाक बीमारी से होने वाली मोबिलिटी और मृत्यु दर को कम करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा.

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