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राजस्थान

जयपुर: “इस बार का बजट विद्यार्थियों और युवाओं को ध्यान में रखकर ही बनाया जाएगा” सीएम गहलोत

बढ़ते कदम कार्यक्रम का आयोजन,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्यक्रम के पोस्टर और लोगो का विमोचन. कहा राजस्थान में 100 फीसदी चिकित्सा सेवाएं फ्री है,10 लाख का बीमा कर दिया गया है.

Jaipur: शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा के बढ़ते कदम कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्यक्रम के पोस्टर और लोगो का विमोचन किया.कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि “कोरोना में पूरे देश में हाहाकार मचा था, किसने कल्पना नहीं की थी की ऐसा दिन भी देखने को मिलेगा,सबसे ज्यादा प्रभावित इसमें बच्चे हुए,क्यूंकि उनका भविष्य स्कूलें बंद होने से संकट में नजर आ रहा था, लेकिन शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन के जरिए हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचाई. हालांकि कुछ बच्चों तक शिक्षा नहीं पहुंच सकी,अब सभी तक शिक्षा पहुंचे इसलिए इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई है. शिक्षा विभाग द्वारा जो ब्रिज कोर्स शुरू किया जा रहा है, शिक्षकों को अभिभावकों से मिलकर इसकी जानकारी देनी चाहिए, इस योजना के तहत बच्चों का सलेक्शन करने के तरीके को लेकर जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है,उस पर वापस मंथन किया जाए. कोई बच्चा सलेक्शन में हीनता की भावना ना रखें इसका ध्यान रखा जाए.

सरकार ने कर्मचारियों का ध्यान रखा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने कर्मचारियों का ध्यान रखा, ओपीएस शुरू की, लेकिन केन्द्र ध्यान नहीं दे रहा है. एक दिन पहले अमित शाह जयपुर आए थे,उनसे कहा है कि वो प्रधानमंत्री से बात करके कर्मचारियों को राहत दें. मानवीय दृष्टिकोण से फैसला लिया जाए. राजस्थान में 100 फीसदी चिकित्सा सेवाएं फ्री है,10 लाख का बीमा कर दिया गया है. हर व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है. इनका व्यापक प्रचार प्रसार करने की जिम्मेदारी लोगों और विद्यार्थियों की है.

22 साल पहले शिक्षा सिर्फ 38 फीसदी थी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि “22 साल पहले जब मैं मुख्यमंत्री बना था तब शिक्षा सिर्फ 38 फीसदी थी,बालिका शिक्षा तो और भी कम थी,उस समय राजीव गांधी स्वर्ण जयंती पाठशाला की शुरूआत की गई. एक साथ 23 हजार पाठशाला खोली गई, हर गांव का बच्चा स्कूल जाने लगा और लगातार नामांकन में बढ़ोतरी हुई. सरकार बदलती है तो योजना को बंद कर दिया जाता है लेकिन ये योजना काफी सफल रही. शिक्षा विभाग ने जो तय किया है उसमें कोई कमी नहीं आएगी,चिकित्सा की तरह शिक्षा भी हमारी पहली प्राथमिकता में शामिल है. पदोन्नति के मार्ग खुले हैं,उप प्राचार्य के पद सृजित हुए हैं,शिक्षकों की भर्ती हो रही हैं. राजस्थान अब डिजीटल बनता जा रहा है लोगों को 1 करोड़ से 2 करोड़ तक के पैकेज मिल रहें हैं. बच्चे अंग्रेजी सिखें इसी उद्देश्य से अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का फैसला लिया गया, प्रवेश के लिए लॉटरी निकाली जा रही है, लेकिन मैं चाहता हूं की लॉटरी की नौबत ना आए, जहां स्कूल की जरुत है वहां अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोली जाए. 10-15 साल बाद राजस्थान के बच्चे बहुत आगे पहुंच जाएंगे, हर प्रतियोगिता में राजस्थान का बच्चा आगे नजर आएगा.”

अकाल की समस्या से जूझ रहा था लेकिन अब स्थितियां बदल रही है
सीएम गहलोत ने कहा कि “पहले राजस्थान अकाल की समस्या से जूझ रहा था, लेकिन अब स्थितियां बदल रही है. यूपीए सरकार ने महात्मा गांधी नरेगा योजना की शुरूआत की पहले जहां 100 दिन का रोजगार मिलता था, वहीं अब हमारी सरकार ने दिनों की संख्या बढ़ाकर 125 कर दी है. 1998 में जब हम सत्ता में आए तो निजी क्षेत्र पर ध्यान दिया. पिछले 2-3 सालों में 200 से ज्यादा कॉलेज खोले, इसमें से 90 कॉलेज को बालिकाओं के हैं. सभी प्रतिष्ठित संस्थान आज राजस्थान में खोले जा रहें हैं, किसी विद्यार्थी को बाहर जाने की जरुरत नहीं है. 200 बच्चों को सरकार के खर्चे पर बाहर पढ़ने भेज रहें हैं. माहौल अब बदल चुका है, प्रदेश के विकास के लिए लोगों के अनुभव भी काफी अहम हैं, उनको भी लेना चाहिए, इससे नये प्रयोग होते हैं”

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संबोधित करते हुए कहा कि इस बार का जो बजट होगा वो विद्यार्थियों और युवाओं को ध्यान में रखकर ही बनाया जाएगा. इसके साथ ही राजस्थान में 30 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज खुल रहें हैं,जब नींव अच्छी रखी जाएगी तो आगे सपने भी पूरे होंगे. शिक्षकों को चाहिए की बच्चों में आत्मविश्वास पैदा किया जाए. इतना बड़ा देश होने के बाद भी आज हम एक हैं,राजीव गांधी और इंदिरा गांधी शहीद हो गए,लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिये,सभी धर्मों और सभी जातियों के होने के बाद हमारा देश एकजुट है.

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