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पंजाब

सपनों का घर बनाना होगा आसान, सस्ता होगा बिल्डिंग मैटेरियल, आम आदमी पार्टी की सरकार ने उठाया बड़ा कदम

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार जल्द ही अपने सपनों का आशियाना बनाने वाले लोगों को राहत देने की योजना बना रही है. इसके लिए बिल्डिंग मैटेरियल यानि रेत, बजरी आदि को सस्ता किया जा रहा है.

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार जल्द ही अपने सपनों का आशियाना बनाने वाले लोगों को राहत देने की योजना बना रही है. इसके लिए बिल्डिंग मैटेरियल यानि रेत, बजरी आदि को सस्ता किया जा रहा है. बता दें कि पिछले कुछ वक्त से घर के निर्माण की सामग्री महंगी होने से सपनों का आशियाना बनाना महंगा होता जा रहा है. इसके लिए पंजाब की भगवंत मान सरकार ने निर्माण सामग्री को किफायती दामों पर उपलब्ध कराने और राजस्व बढ़ाने के लिए गुरुवार को रेत और बजरी खनन नीति 2021 में संशोधन को मंजूरी दे दी. मुख्यमंत्री मान की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह पहल एक तरफ उपभोक्ताओं को राहत देने और दूसरी तरफ सरकारी खजाने के लिए अधिक राजस्व उत्पन्न करने की दृष्टि से रेत और बजरी नीति को युक्तिसंगत बनाएगी.

इस नीति के तहत 2.40 रुपये प्रति क्यूबिक फीट की रॉयल्टी पहले की तरह ही होगी. सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग एवं तुला पुल मद के अन्तर्गत एकत्रित राजस्व, जो 10 पैसे प्रति घन फीट है, वर्तमान में ठेकेदार द्वारा रखे जाने के स्थान पर राज्य के खजाने में जमा किया जायेगा. ठेकेदारों द्वारा तौल सेतु पर उठाये गये बिलों का भुगतान विभाग अनुबंध की शर्तों के अनुसार करेगा. इससे विभाग को तुला पुल के पूरे संचालन को कम्प्यूटरीकृत करने और अवैध खनन के दायरे को और कम करने में सुविधा होगी. चूंकि उपभोक्ता पर सबसे बड़ा बोझ परिवहन दरों से आता है, इसलिए विभाग ट्रांसपोर्टरों और उपभोक्ताओं को जोड़ने वाला एक मोबाइल ऐप तैयार करेगा और दरें परिवहन विभाग द्वारा तय की जाएंगी. 

के -2 परमिट जारी करने के पहले के अभ्यास के बजाय, भवन योजनाओं को मंजूरी देने वाले प्राधिकरण द्वारा 5 रुपये प्रति वर्ग फुट का अधिभार लिया जाएगा, जहां बेसमेंट का निर्माण प्रस्तावित है और इस प्रकार उत्पन्न राजस्व संबंधित स्थानीय निकायों और नगर नियोजन प्राधिकरणों द्वारा एकत्र किया जाएगा और इसे विभाग में जमा किया जाएगा. यह किसी भी आकार के आवासीय मकानों या 500 वर्ग गज तक के प्लाट के आकार के किसी अन्य भवन के लिए लागू नहीं होगा. ईंट-भट्ठों को छोड़कर व्यावसायिक उपयोग के लिए साधारण मिट्टी और साधारण मिट्टी की रॉयल्टी दर 10 रुपये प्रति टन होगी. 

एक अन्य निर्णय में, कैबिनेट ने उपभोक्ताओं को राहत देने और साथ ही राज्य के खजाने के लिए अधिक राजस्व उत्पन्न करने की दृष्टि से क्रशर नीति को युक्तिसंगत बनाने के लिए हरी झंडी दी. नई नीति के तहत अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए क्रशर को पांच हेक्टेयर या पांच हेक्टेयर के गुणक का खनन स्थल आवंटित किया जाएगा. लेकिन हर क्रशर के लिए इन साइटों को लेना अनिवार्य नहीं होगा. राज्य के राजकोष के राजस्व में लगभग 225 करोड़ रुपये की वृद्धि करने के लिए कोल्हू की उत्पादन सामग्री पर एक रुपये प्रति घन फीट की दर से पर्यावरण कोष लगाया गया है.

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