गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महंगाई की मार से आम जनता बेहाल है। इसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ रहा है। पिछले एक वर्षों के अंदर दाल, चावल, वनस्पति घी, तेल, चाय पत्ती, चीनी, दूध, देसी घी, सरसों तेल सभी 20 से 30 प्रतिशत महंगे हो चुके हैं। आवश्यक घरेलू वस्तुओं में तेजी से घर का बजट बिगड़ गया है। खाद्य सामग्रियों के मूल्य में वृद्धि के कारण कम आय, नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की बढ़ी कीमतों ने महंगाई की आग में घी का काम किया है।
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तेल, दाल, चावल, चायपत्ती, चीनी में तेजी से बिगड़ा किचन का बजटहाल के दिनों में रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाला आटा भी महंगा हो गया। धनिया, जीरा और हल्दी ने भी सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। मध्यम वर्गीय व निम्न वर्ग के परिवार भले ही कुछ कटौती कर लें, लेकिन आवश्यक जरूर की वस्तुओं में कटौती करना संभव नहीं है। गोलघर के किराना व्यवसायी निकुंज टेकड़ीवाल के अनुसार दाल, तेल, आटा, चीनी ही नहीं मसाले के भाव में भी हाल के दिनों में काफी तेजी आई है। लोगों को इन वस्तुओं का कोई विकल्प नहीं दिखाई देता। यही वजह है कि लोगों का मासिक बजट बिगड़ रहा है। अब तो लोगों ने महंगाई के कारण कुछ सामानों में कटौती तक करनी शुरू कर दी है।
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नहीं है खुदरा महंगाई दर में गिरावट का असरकेंद्र सरकार के अनुसार जून की खुदरा महंगाई दर 7.01 प्रतिशत से गिरकर जुलाई में 6.71 प्रतिशत के स्तर पर आ गई है। लेकिन बाजार में इसका कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा। रोजमर्रा के उपयोग में आने वाले खाद्य सामग्रियों में तेजी पहले की भांति ही बरकरार है।
तेल, आटा, चावल व दाल जैसी रोजमर्रा की खाद्य सामग्रियों की कीमताें में तेजी का सीधा असर जेब पड़ रहा है। आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। सरकार को इस पर नियंत्रण करना चाहिए। – महेंद्र प्रसाद, बालापार।
लगातार बढ़ रही महंगाई से मध्यमवर्गीय परिवारों का जीना दूभर हो गया है। एक साल के अंदर 30 से 40 प्रतिशत खाद्य सामग्रियों के भाव बढ़े हैं। इससे किचन का बजट बिगड़ गया है। – भीमसेन सिंह, हाटा।
खाद्य सामग्रियों के साथ-साथ सब्जी भी खाने की थाली से दूर होती जा रही है। सरकार को महंगाई रोकने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए। नहीं तो आने वाले समय में लोगों को जीविकोपार्जन चलाना मुश्किल होगा। – अलीशा श्रीवास्तव, चरगांवा।
कमाई कम है और खर्च अधिक है। तेल, मसाला,आटा, चावल, दाल व गैस सभी के दाम बढ़ गए हैं। समझ में नहीं आ रहा एक आदमी कैसे जीवन-यापन करें। – सरिता श्रीवास्तव, बशारतपुर।
एक साल में ऐसे हुई कीमतों में बढ़ोतरी
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जून : 2021 2022
चीनी 35-38 रु. 42-44
चना दाल 75 रु. 80-90
अरहर दाल 80-90 100-120
बेसन 95 रु. 100-105
काबुली चना 100 रु. 120-130
रिफाइंड 150 रु.प्रति ली. 170-180
जीरा 200 से 240रु. 280-340
देशी घी 520 रु. 570-650
नमक 22 रु.प्रति किग्रा 24.00
सरसों तेल 105 रु.प्रति ली. 165 रु.प्रति ली.
रिफाइन 100 रु.प्रति ली 155रु.प्रति ली.
आटा 32.00 36.00
चावल 35.00 44.00
आलू 20.00 25.00
प्याज 20.00 25.00
(कीमत रुपये प्रति किग्रा)
माह भीतर कीमतों में उतार-चढ़ाव
जुलाई 2022 अगस्त 2022
अरहर दाल 100-115 120-130
चीनी 35-40 35-40
आटा 170-180(प्रति 5 किग्रा) 185-195
सरसों तेल 155 प्रति ली. 165 प्रति ली.
रिफाइल 165 प्रति ली. 155 प्रति ली.
चूड़ा 35 से 40 प्रति क्रिग्रा 45-50।