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धर्म

Vishwakarma Puja 2022: आज पांच शुभ योगों में विश्वकर्मा पूजा, यहां देखें चैघड़िया मुहूर्त

विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) के दिन पांच शुभ योग बने हैं. इसमें सर्वार्थ सिद्धि योग आपके मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उत्तम है. जानते हैं विश्वकर्मा पूजा के दिन बनने वाले पांच शुभ योग और चैघड़िया मुहूर्त.

विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) आज 17 सितंबर दिन शनिवार को मनाया जा रहा है. आज विश्वकर्मा पूजा के दिन पांच शुभ योग बने हैं. इसमें सर्वार्थ सिद्धि योग आपके मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उत्तम है. इस योग में भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से आपके व्यापार में तरक्की होगी. उनकी कृपा से आपके और आपके पूरे परिवार की उन्नति होगी. इस दिन कल-पुर्जे, औजार, मशीन, वाहन आदि का पूजन किया जाता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं विश्वकर्मा पूजा के दिन बनने वाले पांच शुभ योग और इस दिन के चैघड़िया मुहूर्त.

पांच शुभ योगों में है विश्वकर्मा पूजा 2022
इस साल विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर पांच शुभ योग रवि योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, द्विपुष्कर योग और सिद्धि योग बना हुआ है. इन योगों के कारण विश्वकर्मा पूजा का महत्व और भी बढ़ गया है. यह दिन व्रत और पूजा-पाठ के लिए फलदायी है.

सर्वार्थ सिद्धि योगः प्रातः 06 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक

द्विपुष्कार योगः दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से दोहपर 02 बजकर 14 मिनट तक

रवि योगः प्रातः 06:07 बजे से लेकर दोपहर 12:21 बजे तक

सिद्धि योगः प्रातःकाल से लेकर पूरी रात तक

अमृत सिद्धि योगः सुबह 06 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक

इन योगों का महत्व
सर्वार्थ सिद्धि योग आपके मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला है. रवि योग अमंगल को दूर कर शुभ फल देने वाला है. द्विपुष्कर योग में किए गए पूजा-पाठ का फल दो गुना प्राप्त होता है. सिद्धि और अमृत सिद्धि योग भी शुभ माने जाते हैं.

विश्वकर्मा पूजा का चैघड़िया मुहूर्त
शुभ – उत्तमः सुबह 07 बजकर 39 मिनट से सुबह 09 बजकर 11 मिनट तक

चर – सामान्यः दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से दोपहर 01 बजकर 48 मिनट तक

लाभ – उन्नतिः दोपहर 01 बजकर 48 मिनट से दोपहर 03 बजकर 20 मिनट तक

अमृत- सर्वोत्तमः दोपहर 03 बजकर 20 मिनट से शाम 04 बजकर 52 मिनट तक

विश्वकर्मा पूजा 2022 राहुकाल
विश्वकर्मा पूजा के दिन राहुकाल सुबह 09 बजकर 11 मिनट से सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक है. राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है.

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