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Som Pradosh Vrat 2022: कब है सोम प्रदोष व्रत? जानें तिथि, शिव पूजा मुहूर्त और महत्व

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Som Pradosh Vrat 2022: मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में सोमवार को पड़ने के कारण सोम प्रदोष व्रत है. जानते हैं सोम प्रदोष व्रत की तिथि और शिव पूजा का प्रदोष काल मुहूर्त.

Som Pradosh Vrat 2022: मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में सोमवार को पड़ने के कारण सोम प्रदोष व्रत है. हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन प्रदोष काल के मुहूर्त में भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करते हैं. सोम प्रदोष व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं सोम प्रदोष व्रत की तिथि और शिव पूजा का प्रदोष काल मुहूर्त.

सोम प्रदोष व्रत 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 21 नवंबर दिन सोमवार को सुबह 10 बजकर 07 मिनट पर हो रहा है. इस तिथि का समापन अगले दिन 22 नवंबर मंगलवार को सुबह 08 बजकर 49 मिनट पर हो रहा है. 21 नवंबर को प्रदोष व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम को प्राप्त हो रहा है, इसलिए सोम प्रदोष व्रत 21 नवंबर को रखा जाएगा. इस वत में प्रदोष काल का मुहूर्त महत्वपूर्ण होता है.

सोम प्रदोष व्रत 2022 पूजा मुहूर्त
21 नवंबर को सोम प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 06 मिनट तक है. जो लोग सोम प्रदोष व्रत रखेंगे. उनको इस समय में भगवान शिव की पूजा कर लेनी चाहिए.

आयुष्मान योग में है सोम प्रदोष व्रत
सोम प्रदोष व्रत के दिन आयुष्मान योग बन रहा है. इस दिन सुबह से लेकर रात 09 बजकर 07 मिनट तक आयुष्मान योग है. पूजा पाठ और मांगलिक कार्यों की दृष्टि से आयुष्मान योग शुभ होता है. इसमें प्राप्त किया गया पुण्य फल पूरे जीवन सुख प्रदान करता है. इस दिन रात 09:07 बजे से सौभाग्य योग शुरू हो जाएगा.

सोम प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत करने से सभी प्रकार के दोष दूर होते हैं. वैसे दिन के अनुसार पड़ने वाले प्रदोष व्रत का अलग महत्व और फल होता है. जो लोग सोम प्रदोष व्रत रखते हैं, शिव कृपा से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मनोकामना पूर्ति के लिए यह महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है. प्रदोष व्रत रखने और शिव पूजा करने से रोग, ग्रह दोष, कष्ट, पाप आदि दूर होते हैं, जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और उन्नति प्राप्त होती है.

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