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Lok Adalat: क्रेडिट कार्ड में छूट से लेकर भैंस पर कर्जे तक, हर छोटी से छोटी समस्या का लोक अदालत में निस्तारण

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आगरा, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय लाेक अदालत में शनिवार को 4,69,781 वाद निस्तारित किए गए। जिसमें 4,47,052 वादों का निस्तारण कलक्ट्रेट, तहसील स्तर के न्यायालयों, बीडीओ, बैंक व फाइनेंस कंपनियों द्वारा किया गया।

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दीवानी परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला जज विवेक संगल ने मां सरस्वती के चित्र के सामने दीप प्रज्जवलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया। इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव मुक्ता त्यागी, नोडल अधिकारी मोहम्मद राशिद, नजारत प्रभारी अपर जिला जज नीरज गौतम, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश विपिन कुमार, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग प्रथम के अध्यक्ष सर्वेश कुमार समेत अन्य न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे।

किसानों ने कहा मार्च में देंगे ऋृण की रकम

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किसान क्रेडिट कार्ड से रकम लेने वाले अधिकांश किसान बैंकों द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद अपनी धनराशि के बारे में पहुंचे थे। शमसाबाद के किसानों सहीराम, शिवदयाल, राजवीर, होलेराम, ऋृषि कुमार आदि का कहना था कि उन जैसे तमाम किसान लोक अदालत में अपनी रकम के बारे में जानकारी करते आए थे। वह यह जानना चाहते थे कि बैंक उनका कितना ऋृण माफ कर देगा। अधिकांश किसान अभी आलू समेत अन्य फसलों की बुवाई को डीएपी खरीदने में अपनी रकम लगा चुके हैं। वह मार्च 2023 में बैंकाें से लिया ऋृण लौटा सकेंगे।

लाकडाउन में मर गईं भैंस, बैंक मांग रहा रकम

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शमसाबाद के गांव हुमायूंपुर निवासी ग्रामीण रिंकू ने बताया कि दो वर्ष पहले उन्होंने बैंक से 65 हजार रुपये ऋृण लेकर दाे भैंस खरीदी थीं। लाकडाउन में दोनों की बीमारी से मृत्यु हो गई। उनका बीमा भी था। सूचना देने के बाद भी लाकडाउन के चलते कंपनी वाला नहीं आया। अब बकाया ऋृण के लिए बैंक नोटिस भेज रहा है।

ये मामले हुए निस्तारित

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4,47052 वाद: कलक्ट्रेट, तहसील न्यायालयों, बीडीओ, बैक व फाइनेंस कंपनियों ने प्री लिटिगेशन वाद निस्तारित किए

794 वाद: जनपद न्यायाधीश एवं अपर जनपद न्यायाधीशगण द्वारा निस्तारित किए गए।

221 वाद: मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा निस्तारित किए गए। जिसमें पीड़ित पक्षों को 12.91 करोड़ रुपये से अधिक की प्रतिपूर्ति धनराशि प्रदान की गई।

102 वाद: परिवार न्यायालय द्वारा निस्तारित किए गए।

21,602: वादों का निस्तारण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सिविल जज, न्यायिक मजिस्ट्रेटों के न्यायालयों द्वारा किया गया। 

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