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हरियाणा

गुरुग्राम में लावारिस कुत्तों का ‘विनाश’ करने पर एमसीजी के नोटिस पर विवाद छिड़ा

Haryana News: गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) ने लावारिस कुत्तों के विनाश के संबंध में सार्वजनिक नोटिस जारी कर विवाद खड़ा कर दिया है.

Haryana News: गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) ने लावारिस कुत्तों के विनाश के संबंध में सार्वजनिक नोटिस जारी कर विवाद खड़ा कर दिया है. हाल ही में गुरुग्राम नगर निगम द्वारा एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया था. नोटिस में पालतू जानवरों के प्रबंधन को नियंत्रित करने वाले नियमों को सूचीबद्ध किया गया था, जिसमें सुझाव दिया गया था कि निर्धारित अवधि के भीतर लावारिस होने पर हिरासत में लिए गए कुत्तों का विनाश करके उनका निपटारा कर दिया जाएगा.

नोटिस हरियाणा नगरपालिका अधिनियम की धारा 311 (कुत्तों का पंजीकरण और नियंत्रण) के तहत नियमों को सूचीबद्ध करता है और भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की सलाह में पालतू जानवरों का पंजीकरण कराना अनिवार्य है. सार्वजनिक स्थानों पर सभी पालतू कुत्तों को ‘मेटल टोकन’ वाला गले का पट्टा पहनना होगा. अगर ‘मेटल टोकन’ वाला पट्टा पालतू कुत्तों के गले में नहीं पाया गया तो उसे हिरासत में लेकर निर्दिष्ट शेल्टर होम में रखा जाएगा.

यदि कोई व्यक्ति एक सप्ताह के भीतर कुत्ते का दावा नहीं करता है कुत्ते का विनाश कर दिया जाएगा. नोटिस ने पालतू जानवरों के मालिकों और पशु अधिकार कार्यकतार्ओं को स्तब्ध कर दिया है. इन्होंने तत्काल निगम से नोटिस को वापस लेने की मांग की है. उप नगर आयुक्त विजयपाल यादव ने कहा है कि आदेश की गलत व्याख्यान किया जा रहा है. हम किसी कुत्ते को मारने नहीं जा रहे हैं. हमने केवल धारा 311 का हवाला दिया. एमसीजी पालतू जानवरों और आवारा कुत्तों के पुनर्वास पर काम करेगा. हम सिर्फ प्रक्रिया को सरल कर रहे हैं. पालतू पशु मालिक सिर्फ पालतू जानवरों को पंजीकृत करने के लिए और मानदंडों का पालन करें.

गुरुग्राम समाज की निवासी देविका वैद ने कहा कि यह अमानवीय है, कोई प्राधिकरण एक कुत्ते को कैसे मार सकता है? नागरिक प्राधिकरण को आवारा या अपंजीकृत कुत्तों के पुनर्वास की आवश्यकता है और किसी जानवर को मारने की नहीं. नोटिस पशु अधिकारों के खिलाफ है और इसे तुरंत वापस लेने की आवश्यकता है. सरकार को इस मामले को देखना चाहिए. .

गौरतलब है कि 15 नवंबर को गुरुग्राम में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने एमसीजी को 11 नस्लों के पालतू कुत्तों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी किया. 30 नवंबर को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी थी. पालतू जानवरों के मालिकों ने दावा किया कि होईकोर्ट के स्टे के बावजूद, एमसीजी मनमाने दिशानिदेशरें का हवाला देकर पालतू जानवरों के मालिकों को परेशान और धमका रहा है. एमसीजी ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में पालतू कुत्तों के लिए लाइसेंस जारी करने के लिए पंजीकरण फॉर्म जारी किए हैं. कोई भी सेक्टर -34 एमसीजी कार्यालय से फॉर्म प्राप्त कर सकता है. पालतू जानवरों के मालिकों से पंजीकरण के लिए 500 रुपये शुल्क लिया जाएगा.

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