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हेल्थ

शीतलहर के बीच सांस संबंधी बीमारियों के मरिजों की संख्या में 50-60 फीसद बढ़ोतरी, जानें क्या है डॉक्टरों की सलाह

उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. शीतलहर के चलते लोगों को भारी परेशानियां हो रही हैं. ऐसे में अस्पतालों में सांस संबंधी समस्याओं के मरीजों की संख्या में 50-60 फीसद बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जानिए ऐसा क्यों है और कैसे अपने को स्वस्थ रखें.

Lucknow: उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप जारी है. कड़कड़ाती ठंड से फिलहाल लोगों को राहत मिलती नहीं दिख रही. इधर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस कड़ाके की ठंड के बीच सांस संबंधी समस्याओं (Respiratory Problems) से पीड़ित मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. लखनऊ के तीन प्रमुख अस्पताल KGMU, लोहिया अस्पताल और सिविल हॉस्पिटल में गुरुवार को सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या में 50-60 फीसद बढ़ोतरी देखने को मिली.

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हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कड़कड़ाती ठंड की वजह से एक तरफ हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के मामले बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ सांस संबंधी समस्याओं के रोगियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. रेस्पिरेटरी मेडिसिन डॉक्टर और चेस्ट स्पेशलिस्ट बीएन सिंह ने बताया कि मौसम संबंधी कठोर परिस्थितियों के चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत जैसी कई श्वास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. जिसकी वजह से अस्पतालों में रोगियों की संख्या में बढोतरी हो रही है.

सिविल अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि मरीजों में सांस लेने की तकलीफ, खांसी और सांस संबंधी अन्य समस्याएं जैसे विभिन्न लक्षण देखे गए हैं. ऐसे लोग जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें अपना खास ख्याल रखना चाहिए और गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए.

अंगीठी जलाते हैं तो सावधान

सिविल अस्पताल के निदेशक आनंद ओझा ने कहा, ‘तापमान में गिरावट की वजह से ही अस्पताल में सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या में 50-60 फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ठंड के इस मौसम में लोग अपने घरों में कोयले या लकड़ी की अंगठी जलाते हैं, हीटर या ब्लोअर का इस्तेमाल करते हैं, जिसकी वजह से घर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. ऑक्सीजन कम होने से सांस संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं. लोगों को सलाह दी जाती है कि वह स्वयं को ठंड से बचाएं और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें.’

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डॉक्टरों की सलाह है कि लोगों को हर समय गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए और घर से बाहर निकलने से पहले गर्म कपड़े पहन लेने चाहिए. ताकि वह कोहरे और प्रदूषण से स्वयं को सुरक्षित रख सकें. इधर देश की राजधानी दिल्ली में भी सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित और हृदय रोगियों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है.

ये बीमारियां भी होती हैं इस मौसम में

सर गंगाराम अस्पताल (Sir Gangaram Hospital) के वाइस प्रेसिडेंट और एचओडी मेडिसिन डॉ. एसपी ब्योत्रा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘सर्दियों में सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. क्योंकि सर्दियों में कोहरा और प्रदूषण भी होता है. इसकी वजह से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, जैसे – सर्दी-जुकाम, खांसी, डायरिया, बुखार और निमोनिया आदि. इनके साथ ही अन्य संक्रमण भी हो सकते हैं. गंगाराम अस्पताल में भी ऐसे मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.’

डॉ. ब्योत्रा ने कहा, इन दिनों 70-80 फीसद मरीज वो होते हैं, जिनको पहले से ही अस्थमा जैसी कोई सांस संबंधी बीमारी है. सर गंगाराम अस्पताल के ही वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अरुण मोहंती का कहना है कि जो लोग हृदय रोग (Heart Disease) से पीड़ित हैं, उन्हें सर्दियों में अपने खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि उन्हें इस मौसम में हार्ट अटैक आने का खतरा रहता है.

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